औद्योगिक विकास नीति में ऐतिहासिक बदलाव: रायपुर: आधुनिक खेती, खिलौना निर्माण, ऑटोमोबाइल और लघु उद्योगों को मिलेगा नया आयाम; युवाओं को मिलेग...
औद्योगिक विकास नीति में ऐतिहासिक बदलाव:
रायपुर: आधुनिक खेती, खिलौना निर्माण, ऑटोमोबाइल और लघु उद्योगों को मिलेगा नया आयाम; युवाओं को मिलेगा रोजगार का नया अवसर
राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास नीति में बड़ा और दूरगामी बदलाव किया है, जिसका उद्देश्य न केवल औद्योगिक ढांचे को मजबूत करना है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, शहरी रोजगार और स्वदेशी निर्माण को भी गति देना है।
नई नीति के अंतर्गत आधुनिक खेती को नवाचार आधारित तकनीक, ड्रोन, जैविक कृषि, और स्मार्ट इरिगेशन तकनीक से जोड़ा जाएगा। इससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
खिलौना उद्योग, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, अब मेक इन इंडिया के तहत विशेष सहायता प्राप्त करेगा। इसके अंतर्गत देशी डिजाइन, पारंपरिक कला और डिजिटल खिलौनों के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में इलेक्ट्रिक वाहनों, हाइड्रोजन फ्यूल तकनीक और स्मार्ट ऑटो पार्ट्स पर केंद्रित निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार प्राप्त होगा।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) को विशेष सब्सिडी, सस्ते ऋण और निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के अंतर्गत संरचित किया जाएगा। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उद्यमिता को बल मिलेगा।
साहित्य और कला को मिलेगा सम्मान :
साहित्यकारों और कलाकारों के लिए 5,000 रुपये मासिक पेंशन की घोषणा
सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि वरिष्ठ साहित्यकारों और कलाकारों को अब से प्रतिमाह ₹5,000 की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी। यह पेंशन 60 वर्ष से अधिक आयु के उन सृजनशील व्यक्तियों को प्रदान की जाएगी जिन्होंने कला, साहित्य, संगीत या संस्कृति के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है।
इस फैसले से न केवल कला और साहित्य को नया सम्मान मिलेगा, बल्कि युवा पीढ़ी को भी इन क्षेत्रों में करियर के रूप में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
यह नीतिगत बदलाव भारत को 'विकास के साथ विरासत' के मार्ग पर ले जाएगा, जहां अर्थव्यवस्था और संस्कृति दोनों का संतुलित विकास सुनिश्चित होगा।
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