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छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के मकानों पर बंपर छूट, फिर भी नहीं मिल रहे खरीदार

10 से 30 प्रतिशत तक की छूट, 254 करोड़ के 1420 मकान खाली: रायपुर : छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने पुराने और बिना बिके मकानों की बिक्री के लिए बड़...


10 से 30 प्रतिशत तक की छूट, 254 करोड़ के 1420 मकान खाली:

रायपुर : छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने पुराने और बिना बिके मकानों की बिक्री के लिए बड़ी पहल की है। प्रदेशभर में पिछले दस वर्षों से बिना खरीदार के पड़े मकानों पर अब 10 से 30 प्रतिशत तक की विशेष छूट दी जा रही है। इसके बावजूद इन मकानों को खरीदने में लोगों की रुचि बेहद कम दिख रही है।

राजधानी रायपुर के प्रमुख क्षेत्रों—बोरियाकला, डूमरतराई, पिरदा, नवा रायपुर के सेक्टर-27 और 29—में कुल 1420 मकान खाली पड़े हैं, जिनकी अनुमानित कुल कीमत करीब 254 करोड़ रुपये है। राज्यभर में अब तक 2651 मकान बिकने से रह गए हैं।

हाउसिंग बोर्ड का कहना है कि ये छूट उन्हीं मकानों पर लागू की गई है, जो कम से कम 10 साल से बिना खरीदार के हैं। इसके बावजूद आर्थिक हालात, ब्याज दरों और लोगों की प्राथमिकताओं में आए बदलाव के चलते इनकी मांग में अपेक्षित सुधार नहीं हो रहा।


विशेषज्ञों का मत:

रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि आज की तारीख में ग्राहक नई लोकेशन और आधुनिक सुविधाओं को तरजीह दे रहे हैं। पुरानी योजनाओं में यह लचीलापन नहीं होने से भी बिक्री पर असर पड़ रहा है। साथ ही, निजी बिल्डरों के फ्लेक्सिबल प्लान्स और कम डाउन पेमेंट ऑफर्स भी बोर्ड की योजनाओं पर भारी पड़ रहे हैं।


सरकारी प्रयास जारी:

हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी अब प्रचार-प्रसार के नए माध्यमों का उपयोग कर रहे हैं—जैसे डिजिटल कैंपेन, सोशल मीडिया विज्ञापन और आसान भुगतान योजनाएं। उम्मीद है कि इससे मकानों की बिक्री में गति आएगी।


नतीजा:

254 करोड़ की संपत्ति खाली पड़ी है, और सरकार को इनसे राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही। यदि जल्द ठोस उपाय नहीं किए गए, तो यह योजना एक आर्थिक बोझ बन सकती है।



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