9 साल बाद भी नहीं हुई किसी पर कार्रवाई, जांच अधर में लटकी: रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में साल 2016 में सामने आए 7 करोड़ से ...
9 साल बाद भी नहीं हुई किसी पर कार्रवाई, जांच अधर में लटकी:
रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में साल 2016 में सामने आए 7 करोड़ से अधिक के घोटाले का मामला आज भी अधर में लटका हुआ है। लोक शिक्षण संचालनालय के तत्कालीन उप संचालक आशुतोष चावरे सहित विभाग के अन्य अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद, नौ वर्षों में किसी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
इस घोटाले में बिना किसी सामग्री की आपूर्ति के ही भुगतान कर दिए गए थे। जांच में यह सामने आया कि कई आपूर्तिकर्ताओं को करोड़ों रुपये की राशि का भुगतान हुआ, लेकिन संबंधित स्कूलों में सामान का कोई अता-पता नहीं मिला। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि इस घोटाले से जुड़ी मुख्य फाइल ही अब विभागीय दफ्तर से रहस्यमयी ढंग से गायब हो गई है।
राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने वर्ष 2016 में प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन तब से लेकर अब तक यह मामला सिर्फ फाइलों में घूमता रहा है। न तो दोषियों की पहचान स्पष्ट रूप से की गई, न ही किसी पर आरोप-पत्र दायर किया गया। इस दौरान कई अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कुछ अब भी पदस्थ हैं।
जानकारों का मानना है कि जांच को जानबूझकर धीमा किया गया ताकि समय की धूल में यह मामला दब जाए। पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए चर्चित शिक्षा विभाग की इस कार्यशैली ने आम जनता के विश्वास को गहरा आघात पहुंचाया है।
अब सवाल उठता है – क्या जनता का पैसा ऐसे ही लुटता रहेगा? क्या घोटालेबाज अफसरों को कानून से बच निकलने का लाइसेंस मिल गया है?
जनता और शिक्षक संगठनों ने इस मामले में उच्चस्तरीय न्यायिक जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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