"बस्तर के जंगलों में मौत का नया औजार: नक्सलियों ने बनाए देसी स्नाइपर, महज ₹20-25 हजार में तैयार" जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर से ...
"बस्तर के जंगलों में मौत का नया औजार: नक्सलियों ने बनाए देसी स्नाइपर, महज ₹20-25 हजार में तैयार"
जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है — अब नक्सली केवल देसी कट्टे या रॉकेट लॉन्चर तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने तकनीकी रूप से उन्नत देसी स्नाइपर गन बनानी शुरू कर दी है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हाल ही में किए गए एक ऑपरेशन में भारी मात्रा में हथियार जब्त किए गए हैं, जिनमें पहली बार 'मेगा स्नाइपर' और बिग साइज BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) भी बरामद किए गए।
कम लागत, ज्यादा ख़तरा:
जांच में खुलासा हुआ है कि यह देसी स्नाइपर गन महज ₹20,000 से ₹25,000 की लागत में तैयार की जा रही है। ये हथियार 400 से 500 मीटर की दूरी तक बिल्कुल सटीक निशाना लगा सकते हैं, जो जंगलों और दुर्गम इलाकों में तैनात सुरक्षाबलों के लिए बड़ा खतरा बन चुका है।
टेकलगुडेम की घटना की पुष्टि:
एक वर्ष पूर्व टेकलगुडेम मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने इसी तरह की स्नाइपर गन से हमले का सामना किया था। अब जब इन हथियारों की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है, तो उस हमले की रणनीति और हथियारों की क्षमता पर से भी पर्दा उठ गया है।
हथियार फैक्ट्री से बरामद:
सुरक्षा बलों ने जिन हथियारों को जब्त किया, उनमें शामिल हैं:
देसी निर्मित मेगा स्नाइपर
बड़ा बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (BGL)
315 बोर की राइफलें
मेटल कटिंग मशीन
बड़ी मात्रा में बारूद और गोलियां
तकनीकी सहायता के संकेत:
जानकारों का मानना है कि नक्सलियों को यह तकनीक कुछ पूर्व हथियार विशेषज्ञों या फिर छिपे सहयोगियों से मिल रही है। स्थानीय वर्कशॉप को हथियार निर्माण के लिए मॉडिफाई किया गया है।
बदलती रणनीति का संकेत:
नक्सलियों की यह नई तैयारी दिखाती है कि वे अब अधिक सटीक और लंबी दूरी से हमला करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती है।
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