नई शिक्षा नीति: एनसीईआरटी का नया कोर्स, छत्तीसगढ़ी पाठ हटाने की तैयारी: रायपुर : प्रदेश के स्कूलों में आगामी शैक्षणिक सत्र से नई राष्ट्री...
नई शिक्षा नीति: एनसीईआरटी का नया कोर्स, छत्तीसगढ़ी पाठ हटाने की तैयारी:
रायपुर : प्रदेश के स्कूलों में आगामी शैक्षणिक सत्र से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसके तहत अब एनसीईआरटी की किताबें स्कूलों में लागू की जाएंगी। इस बदलाव के साथ राज्य के स्थानीय पाठ्यक्रमों पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है, जिसमें छत्तीसगढ़ी भाषा और संबंधित पाठों को हटाने की तैयारी हो रही है।
नई नीति और बदलाव की तैयारी:
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में पाठ्यक्रम का मानकीकरण किया जा रहा है। इसके लिए एनसीईआरटी की किताबों को अपनाने की योजना बनाई गई है। इससे स्थानीय विषयों और भाषाओं के पाठ्यक्रम पर असर पड़ सकता है। शिक्षा विभाग इस बदलाव के लिए स्कूलों और शिक्षकों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है।
छत्तीसगढ़ी पाठ हटाने की संभावना:
सूत्रों के अनुसार, एनसीईआरटी की किताबें लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ी भाषा और राज्य के सांस्कृतिक विषयों से संबंधित पाठ्यक्रम में कटौती हो सकती है। इससे स्थानीय भाषा और परंपराओं से विद्यार्थियों की जुड़ाव कम होने की आशंका जताई जा रही है। इस मुद्दे को लेकर शिक्षा विशेषज्ञों और स्थानीय संगठनों ने चिंता व्यक्त की है।
शिक्षाविदों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया:
इस बदलाव को लेकर शिक्षा विशेषज्ञों और अभिभावकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ का मानना है कि राष्ट्रीय स्तर पर समान पाठ्यक्रम से विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धी माहौल मिलेगा, जबकि अन्य का तर्क है कि इससे स्थानीय भाषा और संस्कृति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
क्या कहते हैं अधिकारी?
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। वे सभी हितधारकों से विचार-विमर्श कर रहे हैं ताकि संतुलित समाधान निकाला जा सके। शिक्षा मंत्री ने भी कहा है कि छात्रों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
आगे की राह:
नई शिक्षा नीति के प्रभावों को देखते हुए शिक्षा विभाग और सरकार से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे स्थानीय संस्कृति और भाषा के संरक्षण को भी प्राथमिकता दें। इस संबंध में आगामी दिनों में और अधिक स्पष्टता आ सकती है।
कोई टिप्पणी नहीं