8 महीने से खून जांच बंद: स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट, मरीजों की परेशानी बढ़ी: रायपुर: राजधानी समेत प्रदेशभर के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों...
8 महीने से खून जांच बंद: स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट, मरीजों की परेशानी बढ़ी:
रायपुर: राजधानी समेत प्रदेशभर के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में खून जांच की सुविधा ठप हो गई है। 2019 में लगाई गई 700 से अधिक खून जांच मशीनें बीते 6-8 महीनों से काम नहीं कर रही हैं। इस वजह से न तो ओपीडी में आने वाले मरीजों की जांच हो पा रही है और न ही अस्पताल में भर्ती मरीजों का आवश्यक परीक्षण हो रहा है।
तकनीकी समस्या या लापरवाही?
खून जांच मशीनों के बंद होने की मुख्य वजह लॉक कोड बताया जा रहा है, जिसे कंपनी ने साझा करने से इनकार कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई बार पत्राचार और बातचीत के प्रयास किए गए, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला।
मरीजों को हो रही भारी परेशानी:
अस्पतालों में जांच सुविधा बंद होने से मरीजों को निजी लैब में महंगे दामों पर जांच करानी पड़ रही है। खासकर गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन भी असहाय नजर आ रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर सवाल:
स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सवाल यह है कि यदि यह समस्या लंबे समय से बनी हुई थी, तो इसे हल करने के लिए पहले से कदम क्यों नहीं उठाए गए? मरीजों की जान से जुड़ा यह मुद्दा कब तक नजरअंदाज किया जाएगा?
जल्द समाधान की जरूरत:
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो इसका सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा। सरकार और स्वास्थ्य विभाग को तत्काल कंपनी से बातचीत कर या अन्य विकल्प तलाश कर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए। मरीजों को राहत देने के लिए यह एक बेहद जरूरी कदम होगा।
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