अमित शाह की दो टूक: आरोपपत्र दाख़िल करने में देरी बर्दाश्त नहीं, छत्तीसगढ़ बने नए कानूनों का मॉडल राज्य: रायपुर : में आज केंद्रीय गृह एवं...
अमित शाह की दो टूक: आरोपपत्र दाख़िल करने में देरी बर्दाश्त नहीं, छत्तीसगढ़ बने नए कानूनों का मॉडल राज्य:
रायपुर : में आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ एक अहम समीक्षा बैठक की। फोकस था—देश में लागू किए जा रहे तीन नए आपराधिक कानूनों के छत्तीसगढ़ में प्रभावी क्रियान्वयन पर।
शाह ने साफ कहा कि 60 और 90 दिनों की तय समयसीमा में आरोपपत्र दाख़िल न होने पर DSP स्तर के अफसरों की जवाबदेही तय की जाए। उन्होंने जोर दिया कि राज्य इस बदलाव को मिशन मोड में लेकर चले और खुद को एक आदर्श राज्य के तौर पर पेश करे।
बैठक में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, BPR&D और NCRB के वरिष्ठ अफसर मौजूद थे। शाह ने अधिकारियों को टास्क दिया कि वे NATGRID जैसे आधुनिक तकनीकी टूल्स का इस्तेमाल करें—खासकर गंभीर अपराधों की जांच में। उन्होंने कहा, "हर थाना और DSP स्तर का अफसर NATGRID के उपयोग में दक्ष हो।"
उन्होंने यह भी कहा कि अब पूरे ट्रायल प्रोसेस को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पूरा किया जा सकता है, जिससे वक्त और संसाधनों की बचत होगी।
शाह ने निगरानी व्यवस्था का भी खाका खींचा:
मुख्य सचिव और DGP हर हफ्ते प्रगति की समीक्षा करें
गृह मंत्री हर 15 दिन में
मुख्यमंत्री हर महीने समीक्षा करें
कुल मिलाकर, संदेश साफ है—नए कानूनों को सिर्फ लागू न करें, बल्कि उनका असर भी दिखे। छत्तीसगढ़ अगर इस पर गंभीरता से काम करता है, तो वो देश के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
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