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छत्तीसगढ़ नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन में बनेगा अग्रणी राज्य: मुख्यमंत्री साय

  छत्तीसगढ़ नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन में बनेगा अग्रणी राज्य: मुख्यमंत्री साय: नई दिल्ली :  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षत...

 छत्तीसगढ़ नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन में बनेगा अग्रणी राज्य: मुख्यमंत्री साय:

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित अहम बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य की तैयारियों का ब्यौरा दिया। बैठक का फोकस तीन नए आपराधिक कानूनों—भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम—के प्रभावी कार्यान्वयन पर रहा।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ ने नए कानूनों को लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। अब तक 27 एसओपी और दिशा-निर्देश लागू किए जा चुके हैं, 37,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है और 53,981 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें से 50% मामलों में चालान भी प्रस्तुत हो चुका है। ई-साक्ष्य और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी तकनीकों से थानों, जेलों और न्यायालयों को सशक्त किया गया है।

गृहमंत्री शाह ने राज्य सरकार की तैयारियों की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को नए कानूनों के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन का मॉडल बनाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को तेज़, पारदर्शी और जनहितकारी बनाना है।

बैठक में नक्सल समस्या पर भी गंभीर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल के अभियानों में कई वांछित नक्सली मारे गए, गिरफ्तार हुए या आत्मसमर्पण कर चुके हैं। नियद नेलानार योजना, बस्तर ओलंपिक, महिला सुरक्षा केंद्रों की स्थापना और पर्यटन ढांचे के विकास से युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2026 तक राज्य को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि बस्तर को भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।

बैठक में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरुण देव गौतम समेत केंद्र और राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ की तत्परता ने दिखाया कि कानून का क्रियान्वयन सिर्फ नियमों का नहीं, प्रतिबद्धता का भी मामला है।


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