बालोद के तरबूज की देशभर में बढ़ी मांग, 18 राज्यों तक पहुंची सप्लाई: बालोद : जिले के तांदुला बांध के किनारे बसे 20 गांवों के किसानों की मे...
बालोद के तरबूज की देशभर में बढ़ी मांग, 18 राज्यों तक पहुंची सप्लाई:
बालोद : जिले के तांदुला बांध के किनारे बसे 20 गांवों के किसानों की मेहनत रंग लाई है। यहां उगाए जा रहे तरबूजों की मांग देशभर में तेजी से बढ़ रही है। महज चार साल पहले 2020 में 40 एकड़ में शुरू हुई यह खेती अब 500 एकड़ तक फैल चुकी है। किसानों की मेहनत और उन्नत कृषि तकनीकों के चलते बालोद के तरबूज अब देश के 18 राज्यों में भेजे जा रहे हैं।
किसानों की बढ़ी आमदनी:
कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुई यह पहल आज किसानों के लिए बड़े मुनाफे का जरिया बन चुकी है। पहले पारंपरिक खेती पर निर्भर रहने वाले किसान अब तरबूज की व्यावसायिक खेती से अपनी आमदनी में इजाफा कर रहे हैं।
तांदुला बांध बना तरबूज उत्पादन का केंद्र:
तांदुला बांध का जलस्तर और उपजाऊ मिट्टी तरबूज की खेती के लिए अनुकूल साबित हुई है। किसानों ने ड्रिप इरिगेशन और जैविक खाद का उपयोग कर बेहतर गुणवत्ता के मीठे और रसदार तरबूज उगाने में सफलता पाई है।
बिचौलियों के बिना सीधी बिक्री:
स्थानीय बाजारों के अलावा किसान सीधे थोक व्यापारियों से संपर्क कर अपने उत्पाद को सही दामों पर बेच रहे हैं। इसके चलते उन्हें बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता और मुनाफा भी अधिक हो रहा है।
राज्य सरकार से मिल रहा समर्थन:
कृषि विभाग और सरकार की ओर से किसानों को आधुनिक तकनीक, बीज और सब्सिडी की सहायता दी जा रही है। इससे तरबूज की खेती को और अधिक विस्तार देने की योजना बनाई जा रही है।
बालोद के तरबूज न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहे हैं। किसानों की मेहनत और नई तकनीकों के साथ यह खेती भविष्य में और अधिक उन्नति की ओर बढ़ सकती है।
यह समाचार अब और अधिक प्रभावी और विस्तृत हो गया है। क्या आप इसमें कोई और जानकारी या संशोधन चाहते हैं?
कोई टिप्पणी नहीं