छत्तीसगढ़ में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: नई टीम, नए संकेत — 5 प्रमुख बातें विश्लेषण — 30 सितम्बर 2025 ...
छत्तीसगढ़ में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: नई टीम, नए संकेत — 5 प्रमुख बातें
प्रशासनिक फेरबदल केवल अधिकारियों के नियमित तबादले नहीं होते; वे एक नए नेतृत्व की प्राथमिकताओं, कार्यशैली और भविष्य की रणनीतियों के पहले और सबसे स्पष्ट संकेत होते हैं। छत्तीसगढ़ में हालिया बड़े तबादलों ने भी यही संदेश दिया है।
छत्तीसगढ़ की नौकरशाही में बदलाव का अर्थ
राज्य के नए मुख्य सचिव श्री विकास शील की नियुक्ति के तुरंत बाद 14 आईएएस अधिकारियों के प्रभार में व्यापक परिवर्तन किए गए। यह केवल प्रशासनिक विकल्प नहीं — बल्कि सत्ता के भीतर प्राथमिकताओं और निर्णायक कार्यशैली के संकेत भी हैं। नीचे प्रस्तुत पांच प्रमुख संकेत इन्हीं मायनों का विश्लेषण हैं।
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पहला संकेत: 'परंपरा' का पालन, शीर्ष पर स्पष्टता
नए मुख्य सचिव के आदेश के बाद वरिष्ठ एसीएस पदों पर बदलाव परंपरागत प्रक्रिया का पालन दिखाता है। रेणु जी पिल्ले को माध्यमिक शिक्षा मंडल का अध्यक्ष तथा सुब्रत साहू को प्रशासन अकादमी का महानिदेशक—साथ ही राजस्व मंडल का अतिरिक्त प्रभार—सौंपा गया। यह कदम पदानुक्रम को स्पष्ट करने और शीर्ष स्तर के टकराव को रोकने का प्रबंध है।
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दूसरा संकेत: जनसंपर्क को मिला 'डाउन टू अर्थ' चेहरा
डॉ. रोहित यादव को जनसंपर्क विभाग का सचिव नियुक्त करना दर्शाता है कि सरकार सार्वजनिक संवाद को अधिक सुलभ और जमीनी बनाना चाहती है। उनकी ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ यह संकेत भी देती हैं कि उनकी नीतिगत पहुंच व्यापक है।
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तीसरा संकेत: मुख्यमंत्री सचिवालय में शक्ति का पुनर्संतुलन
सीएमओ में तैनात प्रमुख सचिवों पी. दयानंद और बसवराजू के कुछ प्रभार वापस लेकर एक सूक्ष्म शक्ति संतुलन किया गया है — यह बताता है कि मुख्यमंत्री के आंतरिक दायरे में भूमिकाओं का पुनरावंटन हो रहा है।
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चौथा संकेत: विमानन पर दक्षता की सख्त निगरानी
विमानन विभाग का जिम्मा मुकेश बंसल को देना महत्वपूर्ण संकेत है। वे वित्त, वाणिज्यिक कर और मुख्यमंत्री सचिवालय में अहम जिम्मेदारियों के अनुभवी अधिकारी हैं — यह कदम विमानन क्षेत्र में शून्य-सहनशीलता और उच्च जवाबदेही सुनिश्चित करने की मंशा दिखाता है।
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पांचवां संकेत: नए नेतृत्व का त्वरित और व्यापक एक्शन
नए मुख्य सचिव के पदभार ग्रहण के तुरंत बाद 14 अधिकारियों का तबादला इस नई टीम की तात्कालिक कार्यशैली और निर्णायक रुचि को प्रकट करता है। इसमें जिला-स्तर से लेकर एसीएस तक परिवर्तन शामिल हैं — संकेत यह है कि नया नेतृत्व इंतजार नहीं कर रहा।
एक नया प्रशासनिक अध्याय
यह फेरबदल सिर्फ तबादलों की सूची नहीं है, बल्कि एक सोची-समझी रणनीतिक पुनर्संरचना है — जो परंपरा का सम्मान करते हुए संचार को जमीनी बनाएगी, मुख्यमंत्री सचिवालय में शक्ति संतुलन कायम करेगी, संवेदनशील क्षेत्रों पर सख्त निगरानी रखेगी और तेज़ निर्णयों के साथ काम करेगी। आने वाले महीनों में इसके प्रतिफल नीतिगत प्राथमिकताओं और शासन की पारदर्शिता पर स्पष्ट रूप से दिखाई देंगे।
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