‘योग संगम’ में समंदर की लहरें और संयम की शक्ति विशाखापट्टनम | 21 जून 2025 — 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमं...
‘योग संगम’ में समंदर की लहरें और संयम की शक्ति
विशाखापट्टनम | 21 जून 2025 — 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित “योग संगम” कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया। आंध्र प्रदेश के तट पर स्थित आर.के. बीच पर 10,000 से अधिक भारतीय नौसेना के जवान एक साथ योग करते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया। यह आयोजन केवल स्वास्थ्य और आत्मसंयम का उत्सव नहीं था, बल्कि भारत की समुद्री शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का मिलन बिंदु भी बन गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने योग को "वैश्विक मानवता के लिए भारत का उपहार" बताते हुए इस पहल को स्वास्थ्य, अनुशासन और एकता का प्रतीक करार दिया। कार्यक्रम के दौरान नौसेना के युद्धपोत भी विशाखापट्टनम बंदरगाह में लंगर डाले खड़े थे, जो इस आयोजन को एक ‘सागरीय सौंदर्य’ प्रदान कर रहे थे। यह दृश्य भारत की रणनीतिक शक्ति और आध्यात्मिक विरासत—दोनों का जीवंत उदाहरण बन गया।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने आधिकारिक X पोस्ट में इस आयोजन की छवियों को साझा करते हुए लिखा, “Naval ships at anchorage added maritime splendour.” यानी, समुद्र में तैनात नौसेनिक पोतों ने कार्यक्रम को समुद्री वैभव से भर दिया।
विश्व मंच पर भारत की आत्मिक शक्ति का प्रदर्शन
संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त योग दिवस का यह आयोजन केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के आदर्श को प्रस्तुत करने का माध्यम बन गया। नौसेना के जवानों की भागीदारी ने यह भी दर्शाया कि भारतीय सशस्त्र बल न केवल सुरक्षा में, बल्कि संस्कृति और सार्वभौमिक स्वास्थ्य आंदोलनों में भी अग्रणी हैं।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की पुष्टि की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार यह आयोजन “Largest Single Yoga Session” श्रेणी में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकता है।
यह दृश्य जैसे किसी काव्यात्मक कल्पना को साकार कर रहा था— “लहरों के बीच ध्यान की डोर, भारत की आत्मा का दिव्य शोर।”
लेखक: 4thColumn विशेष संवाददाता
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