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वरिष्ठता को किया नजरअंदाज, चहेतों को दी प्राथमिकता

सरगुजा में अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग में मनमानी सूची से नाराज़गी, हंगामे के आसार: सरगुजा, छत्तीसगढ़ :  सरगुजा जिले में चल रही अतिशेष शिक्...


सरगुजा में अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग में मनमानी सूची से नाराज़गी, हंगामे के आसार:

सरगुजा, छत्तीसगढ़ : सरगुजा जिले में चल रही अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया एक बार फिर विवादों में घिर गई है। अधिकारियों द्वारा जारी की गई अतिशेष समायोजन सूची को लेकर शिक्षक समुदाय में भारी आक्रोश है। वरिष्ठता और पारदर्शिता को दरकिनार करते हुए कुछ चहेते शिक्षकों को बचाया गया है, जबकि कई वरिष्ठ और पात्र शिक्षकों को जबरन सूची में डाल दिया गया।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, कई ऐसे व्याख्याताओं (लेक्चरर) के नाम सूची में शामिल किए गए हैं, जो या तो पूर्व में समायोजित हो चुके हैं या जिन्हें वर्तमान में अतिशेष नहीं माना जाना चाहिए था। वहीं, कुछ प्रभावशाली शिक्षकों के नाम जानबूझकर सूची से हटा दिए गए हैं, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि समायोजन प्रक्रिया में निष्पक्षता का अभाव रहा है।

अतिशेष शिक्षकों की इस विवादित सूची को लेकर बुधवार को आयोजित होने वाली काउंसलिंग में भारी हंगामे की आशंका जताई जा रही है। शिक्षक संघों ने भी प्रशासनिक स्तर पर इस प्रक्रिया की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि दोषपूर्ण सूची को बिना संशोधन के लागू किया गया तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।


क्या कहते हैं शिक्षक:

"हमने वर्षों तक सेवा दी है और अब हमारे साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, यह अत्यंत दुखद है। अधिकारियों को चाहिए कि वे सूची में पारदर्शिता लाएं और सभी के साथ न्याय करें।" — एक वरिष्ठ व्याख्याता, नाम न छापने की शर्त पर।


प्रशासन की चुप्पी:

पूरे विवाद पर जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, जिससे शिक्षकों की नाराज़गी और अधिक बढ़ गई है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बुधवार को होने वाली काउंसलिंग किस तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होती है या फिर यह मामला और अधिक तूल पकड़ता है।




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