मोतीतालाब पारा: हर बरसात में डूबता है जनजीवन, निगम बना मूकदर्शक: जगदलपुर : शहर के हृदयस्थल माने जाने वाले मोतीतालाब पारा क्षेत्र के लोग पिछ...
मोतीतालाब पारा: हर बरसात में डूबता है जनजीवन, निगम बना मूकदर्शक:
जगदलपुर : शहर के हृदयस्थल माने जाने वाले मोतीतालाब पारा क्षेत्र के लोग पिछले एक दशक से अधिक समय से बरसात के मौसम को डर और बेचैनी के साथ झेल रहे हैं। बारिश की पहली फुहार के साथ ही इस मोहल्ले के घरों में न केवल पानी घुस जाता है, बल्कि नालियों की गंदगी और गाद भी साथ आती है। परिणामस्वरूप जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है, बच्चों की पढ़ाई और बड़ों की दिनचर्या पर गहरा असर पड़ता है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल निगम अधिकारियों को शिकायत दी जाती है, लेकिन समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। नालियों की सफाई, जलनिकासी की व्यवस्था और सड़क के लेवलिंग जैसे प्राथमिक कार्य भी अधूरे पड़े हैं।
"हमने कई बार ज्ञापन सौंपा, लेकिन जवाब वही—'देखते हैं'। क्या इसी ‘देखते हैं’ में और 10 साल गुजारने हैं?" — एक बुजुर्ग निवासी ने रोष के साथ कहा।
यहां की गलियों में बारिश के दौरान कीचड़ और गंदगी से चलना भी मुश्किल हो जाता है। बच्चे बीमार पड़ जाते हैं, बुजुर्ग घर में कैद हो जाते हैं, और कामकाजी लोगों का समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद होते हैं।
स्थानीय पार्षद और नगर निगम प्रशासन से उम्मीद की जाती है कि इस बार सिर्फ वादे नहीं, बल्कि धरातल पर उतरकर योजनाओं को अमल में लाया जाएगा, ताकि मोतीतालाब पारा के नागरिकों को इस जलसंकट से स्थायी राहत मिल सके।
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