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गरियाबंद में ऐतिहासिक जीत: 60 घंटे की भूख हड़ताल सफल, 10 में से 6 मांगों पर बनी सहमति, 13 वन ग्राम बनेंगे राजस्व ग्राम

  गरियाबंद में ऐतिहासिक जीत: 60 घंटे की भूख हड़ताल सफल, 10 में से 6 मांगों पर बनी सहमति, 13 वन ग्राम बनेंगे राजस्व ग्राम: गरियाबंद, छत्तीसगढ...

 गरियाबंद में ऐतिहासिक जीत: 60 घंटे की भूख हड़ताल सफल, 10 में से 6 मांगों पर बनी सहमति, 13 वन ग्राम बनेंगे राजस्व ग्राम:

गरियाबंद, छत्तीसगढ़ ,:  जनसरोकारों की बुलंद आवाज़ ने आखिरकार शासन को झुकने पर मजबूर कर ही दिया। गरियाबंद जिले के मैनपुर में बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर शुरू की गई भूख हड़ताल शनिवार को समाप्त हो गई। यह अनशन 60 घंटों तक चला और अंततः प्रशासन द्वारा 10 में से 6 प्रमुख मांगों पर सहमति बनने के बाद खत्म किया गया।

इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम और सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश्वरी नेताम ने इसे "जनता की जीत" करार दिया। हड़ताल के दौरान कई ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने अपनी एकजुटता दिखाई, जिससे यह आंदोलन एक जन-आंदोलन में तब्दील हो गया।

सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि प्रशासन ने 13 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में तब्दील करने की मंजूरी दे दी है। इससे वहां के निवासियों को अब शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिलने की उम्मीद जगी है।


प्रमुख सहमत मांगें:

13 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना

आवागमन के लिए पक्की सड़कें

पीने के पानी की स्थायी व्यवस्था

ग्रामीणों के लिए आवास योजना का क्रियान्वयन

शिक्षा के क्षेत्र में संसाधनों की व्यवस्था


क्या बोले नेताम दंपति:

संजय नेताम ने कहा, "यह सिर्फ एक आंदोलन नहीं, बल्कि हक की लड़ाई थी। जब तक लोगों को उनका अधिकार नहीं मिलेगा, संघर्ष जारी रहेगा।"

लोकेश्वरी नेताम ने भी कहा, "यह सफलता जनता की एकजुटता का परिणाम है। हम बाकी बची मांगों के लिए भी शांतिपूर्ण तरीकों से संघर्ष जारी रखेंगे।"

यह आंदोलन न केवल गरियाबंद बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल बन गया है कि शांतिपूर्ण ढंग से भी व्यवस्था में बदलाव लाया जा सकता है।


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