जगदलपुर - - दंतेश्वरी की पावन नगरी जगदलपुर में नगर निगम के बजट सत्र की शुरुआत "राम राम, जय श्रीराम" के उद्घोष से हुई,...
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जगदलपुर -- दंतेश्वरी की पावन नगरी जगदलपुर में नगर निगम के बजट सत्र की शुरुआत "राम राम, जय श्रीराम" के उद्घोष से हुई, जब नव-निर्वाचित महापौर संजय पांडे ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 239.39 करोड़ रुपये का पहला बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में धार्मिक आस्था और प्रशासनिक संकल्प का सुंदर समन्वय देखने को मिला।महापौर संजय पांडे ने अपने अभिभाषण की शुरुआत चार बार "माई दंतेश्वरी" और दो-दो बार "बूढ़ादेव", "मावली माता" और "श्रीराम" के जयघोष से की। उन्होंने बजट को केवल आंकड़ों का दस्तावेज नहीं, बल्कि “जनता के सपनों का पंख” बताया।
बजट की विशेषताएं:
इस बजट में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और पर्यावरण संतुलन की दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं:
जलप्रदाय व्यवस्था: 30 करोड़ का विशेष प्रावधान। हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाना प्राथमिकता।
स्वच्छता मिशन: 10 करोड़ की योजना जिसमें कचरा प्रबंधन, सफाई, और जनजागरूकता शामिल।
अधोसंरचना विकास: सीसी रोड, नाली, पुलिया आदि के लिए 50 करोड़ का प्रस्ताव।
बैराज योजना: इंद्रावती नदी पर बैराज निर्माण के लिए 80 करोड़ का प्रावधान।
तालाब सौंदर्यीकरण: दलपत सागर सहित प्रमुख जलस्रोतों के संरक्षण हेतु 20 करोड़ का प्रावधान।
पार्क व श्मशान सुधार: नागरिक सुविधा सुधार के लिए 13 करोड़ का आवंटन।
शहरी जीवन को मिलेगा नया आयाम
लोकमान्य तिलक वार्ड में सर्वसुविधायुक्त पार्क, मल्टीलेवल पार्किंग (5 करोड़), प्रमुख बाजारों का पुनर्विकास, और एमआर रोड निर्माण (50 करोड़) जैसे प्रस्ताव शहर को आधुनिक और व्यवस्थित बनाएंगे।
प्रशासनिक पारदर्शिता और जन भागीदारी
महापौर ने बताया कि बजट निर्माण में सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त 4700 से अधिक सुझावों को शामिल किया गया है। यह बजट जनभागीदारी और पारदर्शिता की मिसाल बनेगा।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर प्रस्ताव पारित
सभा में ऐतिहासिक “एक राष्ट्र-एक चुनाव” प्रस्ताव को भी सर्वसम्मति से पारित किया गया, जो संसाधनों की बचत और प्रशासनिक स्थायित्व की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
कृतज्ञता और संकल्प का प्रतीक
महापौर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप समेत सभी जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संस्थाओं का आभार व्यक्त किया।
अंत में, संजय पांडे ने कविता की दो पंक्तियों से अपनी प्रतिबद्धता जताई:
“हमारे शहर की उन्नति, सपनों का आसमान हो,
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