बस्तर IG सुंदरराज पी की निर्णायक चेतावनी: "आत्मसमर्पण या संहार" बस्तर (छत्तीसगढ़), मई 2025: बस्तर रेंज के पुलिस महानि...
बस्तर IG सुंदरराज पी की निर्णायक चेतावनी: "आत्मसमर्पण या संहार"
बस्तर (छत्तीसगढ़), मई 2025: बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुंदरराज पी ने माओवादी आतंकियों को स्पष्ट और निर्णायक चेतावनी देते हुए कहा है कि अब उनके पास आत्मसमर्पण के अतिरिक्त कोई सम्मानजनक विकल्प नहीं बचा है।
सुंदरराज पी, भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं, जो बस्तर अंचल में लगभग 12 वर्षों से माओवादी उग्रवाद के विरुद्ध अभियानों का संचालन कर रहे हैं। रणनीतिक कौशल, सटीक खुफिया कार्रवाई और जनसंपर्क के चलते उन्होंने कई माओवाद प्रभावित क्षेत्रों को मुख्यधारा में लाने में सफलता प्राप्त की है।
हाल ही में उन्होंने कहा, "जो लोग अब भी माओवादी संगठन का हिस्सा बने हुए हैं, वे यह समझ लें कि सुरक्षा बल अब और अधिक धैर्य नहीं रखेंगे। यह उनका अंतिम मौका है—आत्मसमर्पण करें, या फिर उनके हिंसक कृत्यों का अंत भी उतना ही हिंसक होगा।"
यह चेतावनी ऐसे समय पर आई है जब अप्रैल 2025 में हुए ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में नक्सलियों के केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रमुख बसवराजु को मार गिराया गया। इस कार्रवाई के बाद माओवादी संगठन नेतृत्वहीन हो गया है और आंतरिक विघटन की स्थिति में है।
📊 पिछले 17 महीनों में नक्सल विरोधी अभियान का लेखा-जोखा
- मारे गए माओवादी: 310+
- गिरफ्तार किए गए: 190+
- आत्मसमर्पण करने वाले: 792+
- बरामद हथियार: 750+ (AK-47, INSAS, SLR आदि)
- बरामद IED/विस्फोटक: 1,200+
- प्रमुख अभियान: ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट – अप्रैल 2025 (31 माओवादी ढेर)
स्रोत: छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय एवं बस्तर IG कार्यालय
🎖️ IG सुंदरराज पी की प्रमुख उपलब्धियाँ
- लगभग 12 वर्षों से बस्तर में सेवा: सबसे लंबे समय तक कार्यरत IPS अधिकारी।
- प्रमुख अभियानों का नेतृत्व: ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट सहित कई निर्णायक कार्रवाइयाँ।
- पुनर्वास नीति का कार्यान्वयन: सैकड़ों आत्मसमर्पण को सुविधाजनक बनाया।
- सामुदायिक समन्वय: युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए गांवों में सीधा संवाद।
🔍 विश्लेषण
IG सुंदरराज पी का यह वक्तव्य माओवादी गतिविधियों के विरुद्ध चल रहे निर्णायक युद्ध की अंतिम कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। राज्य सरकार की नीति अब स्पष्ट है—"आत्मसमर्पण या संहार।" यह रुख न केवल सुरक्षा बलों के मनोबल को ऊंचा करता है, बल्कि शांति और विकास की दिशा में बस्तर क्षेत्र को निर्णायक मोड़ पर लाता है।
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