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जलसंकट की मार: 400 गांवों में सूखे बोर, 25 हजार एकड़ खेती पर संकट

  जलसंकट की मार: 400 गांवों में सूखे बोर, 25 हजार एकड़ खेती पर संकट: रायपुर: मूसलधार बारिश की उम्मीदों के बीच अब छत्तीसगढ़ के बागबाहरा, झलप...

 

जलसंकट की मार: 400 गांवों में सूखे बोर, 25 हजार एकड़ खेती पर संकट:

रायपुर: मूसलधार बारिश की उम्मीदों के बीच अब छत्तीसगढ़ के बागबाहरा, झलप, पटेवा और सिरपुर क्षेत्र गंभीर जल संकट की चपेट में हैं। लगभग 400 गांवों में हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि 800 फीट तक बोरिंग करने के बाद भी पानी नहीं निकल रहा। गांवों के कुएं, हैंडपंप और तालाब सूख गए हैं, जिससे करीब 25 हजार एकड़ खेती बंजर होने की कगार पर पहुंच चुकी है।


किसानों की बेबसी:

कई किसानों ने लाखों खर्च कर गहरे बोर करवाए, लेकिन परिणाम शून्य रहा। खेतों में लगी फसलें सूख रही हैं, और पशुओं को पानी पिलाना भी मुश्किल हो गया है। "सालों बाद ऐसा सूखा देखा है," कहते हैं पटेवा के किसान रामनाथ साहू।


पेयजल का संकट:

पानी की अनुपलब्धता सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रही। पेयजल संकट की वजह से कई गांवों में महिलाएं 2-3 किलोमीटर दूर जाकर पानी ला रही हैं। गांवों में टैंकरों के भरोसे जीवन चल रहा है।


सरकारी प्रयास नाकाफी:

सरकार ने कुछ इलाकों में टैंकर भेजे हैं, लेकिन वह अपर्याप्त हैं। ग्रामीणों की मांग है कि जल संकट को आपदा घोषित कर विशेष राहत पैकेज दिया जाए।


भविष्य की चिंता:

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्दी ही मानसून नहीं आया, तो जल स्तर और नीचे चला जाएगा, जिससे आने वाले वर्षों में स्थायी जल संकट बन सकता है।

"हमने कभी नहीं सोचा था कि 800 फीट तक बोर करवाने पर भी पानी नहीं मिलेगा। अब तो खेत, मवेशी और जीवन – सब पर संकट है।

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