आईआईटी भिलाई में शिक्षा का नया सूर्योदय: स्टेज-बी निर्माण को मंजूरी, रिसर्च पार्क और 1500 नई सीटों का विस्तार: भिलाई : उच्च शिक्षा और शोध...
आईआईटी भिलाई में शिक्षा का नया सूर्योदय: स्टेज-बी निर्माण को मंजूरी, रिसर्च पार्क और 1500 नई सीटों का विस्तार:
भिलाई : उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भिलाई के पहले चरण के स्टेज-बी के निर्माण को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत 1400 करोड़ रुपए की लागत से भव्य और अत्याधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे न केवल संस्थान की क्षमता दोगुनी हो जाएगी, बल्कि देशभर के होनहार छात्रों को नवाचार और रिसर्च के लिए अत्युत्तम मंच भी मिलेगा।
1500 सीटों का विस्तार, नई शैक्षणिक क्रांति का द्वार:
आईआईटी भिलाई में अब 1500 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी, जिससे विद्यार्थियों को और अधिक अवसर मिल सकेंगे। वर्तमान में मौजूद स्टेज-ए के बाद स्टेज-बी के तहत न केवल आधारभूत ढांचे का विस्तार होगा, बल्कि छात्र सुविधाएं भी अभूतपूर्व होंगी।
मद्रास और बॉम्बे की तर्ज पर रिसर्च पार्क:
भविष्य की तकनीकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, आईआईटी भिलाई में मद्रास और बॉम्बे आईआईटी की तर्ज पर एक उन्नत रिसर्च पार्क की स्थापना की जाएगी। यह उद्योग और अकादमिक शोध के बीच सेतु का कार्य करेगा, जिससे स्टार्टअप्स, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को बल मिलेगा।
साइंस डिपार्टमेंट और तीन नए हॉस्टल होंगे तैयार:
इस परियोजना में साइंस डिपार्टमेंट की स्थापना और तीन नए छात्रावास भी शामिल हैं, जिससे छात्रों के रहने, पढ़ने और शोध के लिए एक समग्र वातावरण सुनिश्चित किया जाएगा। हॉस्टलों में अत्याधुनिक सुविधाएं, डिजिटल कनेक्टिविटी और हरित ऊर्जा पर विशेष ध्यान रहेगा।
शोध और नवाचार को नई गति:
आईआईटी भिलाई का यह विस्तार न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए तकनीकी प्रगति की मिसाल बनेगा। यहाँ पर होने वाले शोध कार्य देश की अर्थव्यवस्था, रक्षा, पर्यावरण और डिजिटल विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
निष्कर्ष:
यह परियोजना न केवल एक शैक्षणिक संस्थान का विस्तार है, बल्कि यह भारत के नवाचार-आधारित भविष्य की ओर एक सशक्त कदम भी है। आने वाले वर्षों में भिलाई देश का एक बड़ा टेक्नोलॉजिकल और शोध केंद्र बनकर उभरेगा।
कोई टिप्पणी नहीं