प्रधानमंत्री आवास योजना का कायाकल्प: 9 साल में 72 हजार, 9 महीनों में 11,500 घरों का निर्माण: बालोद : प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना ने जि...
प्रधानमंत्री आवास योजना का कायाकल्प: 9 साल में 72 हजार, 9 महीनों में 11,500 घरों का निर्माण:
बालोद : प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना ने जिले में विकास की नई इबारत लिख दी है। बीते 9 वर्षों में जहां 72,000 से अधिक मकानों का निर्माण किया गया, वहीं पिछले 9 महीनों में ही 11,500 से अधिक घर बनकर तैयार हो गए हैं। यह उपलब्धि न केवल सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों को छत देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है।
सुशासन तिहार में उमड़ा जनसैलाब, 80,000 से अधिक आवेदन:
हाल ही में आयोजित सुशासन तिहार में आवास निर्माण के लिए 80,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिससे स्पष्ट है कि योजना के प्रति लोगों का विश्वास और अपेक्षा दोनों लगातार बढ़ रही हैं। यह आयोजन शासन और जनता के बीच मजबूत सेतु का कार्य कर रहा है।
लक्ष्य: 1 लाख 19 हजार 430 मकान:
जिले में कुल 1,19,430 मकानों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक 72 हजार से अधिक मकानों का निर्माण हो चुका है, जबकि शेष कार्य भी तेज गति से चल रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी परिवार बिना छत के न रहे।
भविष्य की राह:
प्रदेश में भाजपा सरकार के सशक्त नेतृत्व में यह योजना न सिर्फ एक मिशन के रूप में चल रही है, बल्कि यह ग्रामीण भारत में आत्मसम्मान और स्थायित्व की नींव रख रही है। हर घर को छत, हर चेहरे पर मुस्कान—यही है इस योजना का असली मकसद।
संपादकीय टिप्पणी:
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना केवल ईंट और गारे की नहीं, बल्कि उम्मीदों और सपनों की इमारत है। यह योजना उस भारत की तस्वीर है, जहां हर नागरिक को गरिमा के साथ जीने का अधिकार मिले।
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