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आईटीबीपी जवानों ने हल्बी-गोंडी भाषा में प्राप्त किया प्रशिक्षण, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में संवाद का नया सेतु

  आईटीबीपी जवानों ने हल्बी-गोंडी भाषा में प्राप्त किया प्रशिक्षण, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में संवाद का नया सेतु कोंडागांव : नक्सल प्रभावित क्...

 

आईटीबीपी जवानों ने हल्बी-गोंडी भाषा में प्राप्त किया प्रशिक्षण, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में संवाद का नया सेतु

कोंडागांव : नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनसंपर्क को मजबूत बनाने और स्थानीय नागरिकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने हल्बी और गोंडी भाषाओं का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। यह प्रशिक्षण कोंडागांव स्थित सामरिक मुख्यालय 29वीं वाहिनी में आयोजित किया गया।

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जवानों को स्थानीय संस्कृति, बोली और भावनाओं से जोड़ना है, ताकि वे आम नागरिकों के साथ विश्वास और सहयोग की भावना विकसित कर सकें। स्थानीय भाषा के माध्यम से संवाद स्थापित करना सुरक्षा बलों और ग्रामीणों के बीच की दूरी को कम करेगा, जिससे न केवल खुफिया सूचना संकलन में मदद मिलेगी, बल्कि जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी प्रभावशीलता बढ़ेगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान भाषाई विशेषज्ञों एवं स्थानीय विद्वानों ने जवानों को हल्बी और गोंडी भाषा की बुनियादी शब्दावली, दैनिक वार्तालाप और सांस्कृतिक संदर्भों की जानकारी दी। जवानों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए इन भाषाओं में संवाद स्थापित करने का अभ्यास किया।

29वीं वाहिनी के कमांडेंट ने इस पहल को सामुदायिक समरसता की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा, "स्थानीय भाषा में संवाद सिर्फ शब्दों का आदान-प्रदान नहीं है, यह विश्वास का पुल है जो सुरक्षा बलों और जनता के बीच मजबूत संबंध बनाता है।"

यह अभिनव प्रयास नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापना और सामुदायिक जुड़ाव की दिशा में एक प्रेरणास्पद उदाहरण बन सकता है।



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