2 करोड़ खर्च कर तोड़ा पुराना निर्माण, अब फिर एक करोड़ की नई योजना: रायपुर : टिकरापारा स्थित ऐतिहासिक नरैया तालाब की तस्वीर आज भी वैसी ही धु...
2 करोड़ खर्च कर तोड़ा पुराना निर्माण, अब फिर एक करोड़ की नई योजना:
रायपुर : टिकरापारा स्थित ऐतिहासिक नरैया तालाब की तस्वीर आज भी वैसी ही धुंधली है, जैसी एक दशक पहले थी। नगर निगम और प्रशासन की योजनाएं, फाइलों में तो खूब चमकीं, लेकिन जमीनी हकीकत बताती है कि तालाब की किस्मत नहीं बदली।
पिछले दस वर्षों में इस तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये स्वीकृत हुए, लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात। पिछले वर्ष ही करीब 2 करोड़ रुपये खर्च कर पुराने निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया, और अब फिर से एक करोड़ की नई योजना बनाई जा रही है।
यह सब तब हो रहा है जब शहरवासी चाहते हैं कि नरैया तालाब एक शांतिपूर्ण पर्यटन स्थल बने, जहाँ लोग सुबह-शाम सुकून से समय बिता सकें। लेकिन आज भी वहां अधूरा निर्माण, टूटी सीढ़ियाँ और गंदगी का आलम है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि "हर बार नई शुरुआत होती है, लेकिन अंत कहीं नहीं दिखता।"
शहर के पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता इस लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं – क्या यह केवल बजट खपत की कवायद है? या वाकई तालाबों के संरक्षण को गंभीरता से लिया जा रहा है?
अब देखना यह है कि एक करोड़ की यह नई योजना पुराने अनुभवों से कुछ सीख पाएगी या यह भी अधूरी कसरत बनकर रह जाएगी।
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