पुलिस प्रोटोकॉल पर भारी खर्च: किराए की गाड़ियों पर सालाना 14 करोड़, वीआईपी मूवमेंट में रोज़ाना 2 करोड़ की चपत: रायपुर: राजधानी की सुरक्षा ...
पुलिस प्रोटोकॉल पर भारी खर्च: किराए की गाड़ियों पर सालाना 14 करोड़, वीआईपी मूवमेंट में रोज़ाना 2 करोड़ की चपत:
रायपुर: राजधानी की सुरक्षा और वीआईपी मूवमेंट को लेकर मध्यप्रदेश पुलिस हर महीने किराए की गाड़ियों पर भारी खर्च कर रही है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, हर महीने केवल किराए की गाड़ियों पर 1 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। इसके अलावा जब राज्य में वीआईपी मूवमेंट होता है, तो एक दिन में ही किराए की गाड़ियों पर 2 करोड़ रुपए तक अतिरिक्त खर्च हो जाते हैं।
अब यह बोझ और बढ़ने वाला है। पुलिस द्वारा उपयोग की जाने वाली गाड़ियों में खास तौर पर इननोवा मॉडल की मांग अधिक रहती है। पहले इन गाड़ियों का दैनिक किराया 2000 रुपए था, जिसे अब बढ़ाकर 4000 रुपए प्रति दिन किया जा रहा है। यानी यह खर्च दोगुना हो जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह व्यय न केवल वित्तीय दबाव बनाता है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या राज्य सरकार को खुद के वाहन खरीदने की योजना बनानी चाहिए। अनुमान के मुताबिक, सालाना लगभग 14 करोड़ रुपए केवल किराए की गाड़ियों पर खर्च हो रहे हैं, जिनमें से बड़ा हिस्सा वीआईपी प्रोटोकॉल में खर्च होता है।
आलोचकों का कहना है कि इन पैसों का उपयोग पुलिस बल को संसाधनों से लैस करने, साइबर क्राइम रोकथाम, और ट्रैफिक मैनेजमेंट जैसे अन्य ज़रूरी क्षेत्रों में किया जा सकता है। वहीं प्रशासन का तर्क है कि वीआईपी सुरक्षा एक अनिवार्य जिम्मेदारी है, और इसके लिए आधुनिक, भरोसेमंद वाहनों की जरूरत होती है, जो किराए पर उपलब्ध कराना आसान होता है।
जनता की नजर अब इस बात पर है कि क्या सरकार इस बढ़ते खर्च को स्थायी समाधान में बदलने की दिशा में कदम उठाएगी, या फिर यह केवल आंकड़ों की फेहरिस्त में एक और बढ़ोत्तरी बनकर रह जाएगा।
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