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छत्तीसगढ़ में समय से पहले मानसून की दस्तक, मई में पहुंचा पहली बार

  🌧️ छत्तीसगढ़ में मानसून की ऐतिहासिक दस्तक: नौतपे के बीच आई राहत की फुहारें रायपुर :  छत्तीसगढ़ में इस बार मौसम ने चौंकाने वाला करवट लि...

 


🌧️ छत्तीसगढ़ में मानसून की ऐतिहासिक दस्तक: नौतपे के बीच आई राहत की फुहारें

रायपुर : छत्तीसगढ़ में इस बार मौसम ने चौंकाने वाला करवट लिया है। तपती धूप और झुलसाने वाली गर्मी के बीच नौतपे के दौरान ही मानसून ने 16 दिन पहले दस्तक दी है। आमतौर पर प्रदेश में मानसून 13 जून के आसपास पहुंचता है, लेकिन इस बार यह इतिहास रचते हुए मई महीने में ही आ गया है। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 64 वर्षों में यह पहला मौका है जब मई में ही मानसून छत्तीसगढ़ की धरती पर पहुंचा है।

बुधवार को रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में बादलों ने डेरा डाला और दोपहर में हल्की बारिश ने गर्मी से राहत दी। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई और लोगों ने चैन की सांस ली।


🔍 विशेषज्ञों की राय:

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों ही दिशा से नमी ज्यादा मिल रही है, जिससे मानसून की चाल तेज हो गई। यह जलवायु परिवर्तन का भी संकेत हो सकता है, जिस पर विस्तृत अध्ययन की जरूरत है।

🔔 अलर्ट जारी:

मानसून की जल्दी एंट्री के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। अगले कुछ दिनों तक गर्जना के साथ तेज बारिश और आंधी-तूफान की संभावना जताई गई है।

📸 ज़मीन से तस्वीरें:

रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और जगदलपुर से मिली तस्वीरों में सड़कें भीगती नजर आईं, बच्चे बारिश में खेलते दिखे और किसानों के चेहरों पर उम्मीद की चमक लौट आई।


🌱 क्या कहते हैं किसान?
बलौदाबाजार के किसान रमेश यादव बताते हैं, "पिछले साल बारिश देर से आई थी और फसलें प्रभावित हुई थीं। इस बार पहले ही बूंदें पड़ने लगीं तो उम्मीद है कि खेती वक्त पर हो पाएगी।"


📌 निष्कर्ष:
मानसून की यह जल्दी दस्तक सिर्फ मौसम नहीं, कृषि, जल प्रबंधन और पर्यावरणीय नीति पर भी असर डालेगी। आने वाले दिनों में इसका प्रभाव हर वर्ग पर पड़ेगा — किसानों से लेकर आम नागरिक तक।




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