पिछले साल पहाड़ से आया पानी बना था आफत, अब 13 स्थानों पर बन रहे बंड — 3 करोड़ की लागत से हो रही निकासी व्यवस्था मजबूत: दंतेवाड़ा: पिछले व...
पिछले साल पहाड़ से आया पानी बना था आफत, अब 13 स्थानों पर बन रहे बंड — 3 करोड़ की लागत से हो रही निकासी व्यवस्था मजबूत:
दंतेवाड़ा: पिछले वर्ष दंतेवाड़ा के पहाड़ी क्षेत्रों से अचानक आए तेज़ पानी ने निचले इलाकों में भारी तबाही मचाई थी। खेतों में पानी भर गया था, कई ग्रामीण रास्ते बंद हो गए थे, और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। प्रशासन ने अब इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए कमर कस ली है।
इस साल, 13 संवेदनशील स्थानों पर बंड (छोटे बांध या मिट्टी की रोक) बनाए जा रहे हैं, जिससे वर्षा और पहाड़ी जल को नियंत्रित किया जा सके। इसके साथ ही, जल निकासी के लिए लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से ठोस योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत जल निकासी नालों की मरम्मत, नई ड्रेनेज लाइनें और खेतों की जल निकासी हेतु पाइपलाइन सिस्टम तैयार किया जा रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों में दिखा उत्साह:
गांवों के लोगों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है। किसान रमेश मरकाम ने कहा, "पिछले साल तो पूरी फसल ही बर्बाद हो गई थी। अब अगर बंड और निकासी बन जाएगी तो हमारी खेती भी बचेगी और गांव भी सुरक्षित रहेगा।"
अधिकारियों ने क्या कहा?
पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यपालन अभियंता ने जानकारी दी कि बंड निर्माण का कार्य तेज़ी से चल रहा है और जुलाई से पहले इसे पूर्ण कर लिया जाएगा, ताकि वर्षा ऋतु से पहले सुरक्षा तैयार रहे। उन्होंने यह भी कहा कि निकासी के कामों में पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक का मेल किया जा रहा है, जिससे टिकाऊ समाधान मिल सके।
सुरक्षित भविष्य की ओर एक कदम:
प्रशासन की यह पहल न केवल आपदा नियंत्रण की दिशा में अहम है, बल्कि इससे जल संरक्षण, खेती की सुरक्षा और ग्रामीण संरचना के सुदृढ़ीकरण में भी मदद मिलेगी।
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