तेज़ आंधी में उड़ गई झोपड़ी, बेघर हुए बुजुर्ग दंपती: फटी साड़ियों से बना था आशियाना, अब सरकार से मदद की आस: कोंडागांव : जिले के रोजगारी प...
तेज़ आंधी में उड़ गई झोपड़ी, बेघर हुए बुजुर्ग दंपती: फटी साड़ियों से बना था आशियाना, अब सरकार से मदद की आस:
कोंडागांव : जिले के रोजगारी पारा में तेज़ आंधी-बारिश ने एक बुजुर्ग दंपती की पूरी जिंदगी उजाड़ दी। 65 वर्षीय हेम विश्वकर्मा और उनकी पत्नी अंधारी विश्वकर्मा बीते चार सालों से फटी-पुरानी साड़ियों को जोड़कर बनाई गई झोपड़ी में रह रहे थे। बीती रात आए तूफान ने उनका वह छोटा-सा सहारा भी छीन लिया।
धन-संपत्ति नहीं, बस कुछ कपड़े और टूटे-फूटे बर्तन थे जो अब कीचड़ में बिखरे पड़े हैं। खुद को बचाने के लिए दोनों किसी तरह पास के पेड़ के नीचे रात गुजारने को मजबूर हुए।
अंधारी विश्वकर्मा की आंखों में आंसू हैं, “किसी से मांगकर साड़ियां ली थीं, उन्हीं से छत बनाई थी...अब कुछ भी नहीं बचा।”
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मदद की अपील की है। बुजुर्ग दंपती ने भी सरकार से एक छोटा सा पक्का घर देने की गुहार लगाई है, ताकि जीवन की बची हुई साँझ चैन से कट सके।
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