सुशासन तिहार की मिसाल: जहां नहीं पहुंचते कर्मचारी, वहां पहुँचे मुख्यमंत्री साय – मुलेर को मिला नया सवेरा दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ : सुशासन तिह...
सुशासन तिहार की मिसाल: जहां नहीं पहुंचते कर्मचारी, वहां पहुँचे मुख्यमंत्री साय – मुलेर को मिला नया सवेरा
दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ : सुशासन तिहार के तहत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को उस ज़मीन को छूकर इतिहास रच दिया, जहां अब तक प्रशासन के कदम भी कांपते थे। नक्सल प्रभाव से त्रस्त मुलेर गांव में मुख्यमंत्री के अप्रत्याशित आगमन ने न केवल लोगों को चौंकाया, बल्कि उम्मीद की एक नई रोशनी भी जगा दी।
मुख्यमंत्री ने गांव में घोषणा की कि जल्द ही यहां स्कूल और अस्पताल की स्थापना की जाएगी – वो सुविधाएं जो दशकों से सपना बनी हुई थीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जवानों के साथ ज़मीन पर बैठकर भोजन किया और स्थानीय ग्रामीणों से सीधे संवाद स्थापित किया।
> मुख्यमंत्री साय ने कहा: “छत्तीसगढ़ अब नक्सलवाद से मुक्त होने की ओर अग्रसर है। सुशासन तिहार केवल उत्सव नहीं, बदलाव की शुरुआत है।”
उनका यह कदम ना केवल एक प्रशासनिक साहस का प्रतीक है, बल्कि यह स्पष्ट संदेश भी देता है कि अब सरकार विकास को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ग्रामवासियों ने स्वागत में बिछा दीं उम्मीदें, और पहली बार प्रशासन की मौजूदगी को भय नहीं, बल्कि भरोसे की नजरों से देखा। जवानों और आम जनता के बीच की दूरी को मिटाता यह आयोजन, छत्तीसगढ़ की बदलती तस्वीर का प्रतीक बन गया है।
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