मोबाइल वेटनरी यूनिट से पशुपालकों को मिली राहत: कोंडागांव : जिले के दूरस्थ और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पशुपालकों के लिए खुशखबरी है। शासन...
मोबाइल वेटनरी यूनिट से पशुपालकों को मिली राहत:
कोंडागांव : जिले के दूरस्थ और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पशुपालकों के लिए खुशखबरी है। शासन द्वारा प्रारंभ की गई मोबाइल वेटनरी यूनिट (चलित पशु चिकित्सा सेवा) ने ग्रामीण पशुपालकों को बड़ी राहत प्रदान की है। अब पशुओं के इलाज के लिए उन्हें दूर-दराज के अस्पतालों की ओर दौड़ने की आवश्यकता नहीं है।
चलित वेटनरी वाहन, जिसमें एक प्रशिक्षित पशु चिकित्सक, फार्मासिस्ट तथा आवश्यक उपकरणों के साथ दवाइयाँ उपलब्ध हैं, गाँव-गाँव जाकर पशुओं का इलाज कर रही है। सेवा का लाभ उठाकर सैकड़ों ग्रामीणों ने अपने मवेशियों का सफल इलाज करवाया है, जिससे पशुधन की मृत्यु दर में भी कमी आई है।
पशुपालक बोले – अब इलाज घर पर:
ग्राम बड़ेडोंगर के किसान रामलाल कश्यप ने बताया, "पहले जब गाय बीमार पड़ती थी, हमें 20 किलोमीटर दूर अस्पताल जाना पड़ता था, कई बार रास्ते में ही जानवर दम तोड़ देता था। अब डॉक्टर खुद गाँव आ जाते हैं, यह बहुत बड़ी सुविधा है।"
जनप्रतिनिधियों की सराहना:
स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जिला पंचायत सदस्य सुनिता नाग ने कहा, “यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। पशुधन ग्रामीणों की पूंजी है, इनकी देखभाल सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।”
निःशुल्क सेवा और हेल्पलाइन की सुविधा:
यह सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है। पशुपालक 1962 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके मोबाइल यूनिट को बुला सकते हैं। सेवा प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपलब्ध रहती है।
निष्कर्ष:
मोबाइल वेटनरी यूनिट ने न केवल पशुपालकों को समय और पैसा बचाने में मदद की है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन की बेहतर देखभाल सुनिश्चित कर एक नई उम्मीद जगाई है।
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