नक्सल खात्मे में एआई का सहारा: माओवादियों पर डिजिटल शिकंजा: रायपुर: राज्य सरकार ने नक्सलवाद के जड़ से सफाए के लिए एक ठोस रणनीति बनाई है, ज...
नक्सल खात्मे में एआई का सहारा: माओवादियों पर डिजिटल शिकंजा:
रायपुर: राज्य सरकार ने नक्सलवाद के जड़ से सफाए के लिए एक ठोस रणनीति बनाई है, जिसमें अब तकनीक को अहम हथियार बनाया जा रहा है। नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवादियों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए एक खास सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा।
इस सॉफ्टवेयर की मदद से माओवादियों का पूरा डाटा बेस तैयार किया जाएगा—चाहे वे शहर में हों, गांव में या फिर जंगलों की ओट में छिपे हों। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक हर संदिग्ध गतिविधि को पहचानने और अलर्ट जारी करने का काम करेगी।
सरकार का मानना है कि पारंपरिक पुलिसिंग के साथ-साथ हाईटेक निगरानी से नक्सल समस्या पर निर्णायक प्रहार किया जा सकता है।
कैसे काम करेगा एआई?
माओवादियों की प्रोफाइलिंग और मूवमेंट ट्रैकिंग
संदिग्ध संचार और लेनदेन पर निगरानी
ड्रोन और सीसीटीवी से मिले इनपुट का विश्लेषण
फील्ड में मौजूद जवानों को रीयल टाइम अलर्ट
यह पहल सुरक्षा बलों की कार्रवाई को और सटीक बनाएगी और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। सरकार का स्पष्ट संदेश है—अब नक्सलियों की कोई भी चाल बच नहीं पाएगी।
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