धमधा में अनोखा हनुमान मंदिर: कलश और दीयों से बनी अद्भुत संरचना: दुर्ग : धमधा नगर पंचायत के खैरागढ़ मार्ग पर एक अनोखा और अद्भुत मंदिर निर्...
धमधा में अनोखा हनुमान मंदिर: कलश और दीयों से बनी अद्भुत संरचना:
दुर्ग : धमधा नगर पंचायत के खैरागढ़ मार्ग पर एक अनोखा और अद्भुत मंदिर निर्मित हो रहा है, जो पूरे प्रदेश में अपनी तरह का पहला मंदिर है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसे पारंपरिक ईंट या पत्थरों से नहीं, बल्कि मंदिरों में उपयोग किए गए प्रज्ज्वलित ज्योत के कलश और दीयों से बनाया जा रहा है।
15 वर्षों से चल रहा निर्माण कार्य:
इस मंदिर का निर्माण कार्य पिछले 15 वर्षों से जारी है। श्रद्धालुओं की आस्था और योगदान से यह मंदिर धीरे-धीरे आकार ले रहा है। यहां बजरंग बली को विराजित किया गया है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनता जा रहा है। मंदिर के निर्माण में उपयोग किए जा रहे कलश और दीये उन भक्तों द्वारा अर्पित किए गए हैं, जिन्होंने इन्हें फेंकने के बजाय यहां संजोकर रखने का संकल्प लिया।
आस्था और पर्यावरण संरक्षण का संदेश:
इस मंदिर के निर्माण के पीछे श्रद्धा और भक्ति के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की भी सोच है। आमतौर पर मंदिरों में उपयोग किए जाने वाले कलश और दीये पूजन के बाद व्यर्थ मानकर फेंक दिए जाते हैं। लेकिन यहां इनका उपयोग करके एक धार्मिक स्थल को आकार दिया जा रहा है। इससे धार्मिक समर्पण तो झलकता ही है, साथ ही आस्था से जुड़े अवशेषों के उचित प्रबंधन का भी संदेश दिया जाता है।
श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था:
यह अनोखा मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। दूर-दूर से भक्त यहां बजरंग बली के दर्शन के लिए आते हैं और इस अनूठी संरचना को देखकर भाव-विभोर हो जाते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह मंदिर न केवल उनकी धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि एक मिसाल भी है कि किस तरह से पूजन सामग्री को पुनः उपयोग में लाया जा सकता है।
इस अनोखे प्रयास ने धमधा को एक नई पहचान दी है और यह मंदिर आने वाले समय में प्रदेश का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यावरण-अनुकूल स्थल बन सकता है।
यह समाचार धमधा के अनोखे हनुमान मंदिर की विशेषताओं को उजागर करता है और इसे आस्था व पर्यावरण संरक्षण के अनूठे संदेश से जोड़ता है। अगर आप इसमें कोई और जानकारी या बदलाव चाहते हैं, तो बताइए!
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