तुरतुरिया: छत्तीसगढ़ में बौद्ध भिक्षुणियों का एकमात्र विहार, जहां पूजा भी करती हैं सिर्फ महिलाएं: छत्तीसगढ़ : के बलौदाबाजार जिले का छोटा ...
तुरतुरिया: छत्तीसगढ़ में बौद्ध भिक्षुणियों का एकमात्र विहार, जहां पूजा भी करती हैं सिर्फ महिलाएं:
छत्तीसगढ़ : के बलौदाबाजार जिले का छोटा सा गांव तुरतुरिया रामकथा के पौराणिक प्रसंगों के लिए तो जाना ही जाता है, लेकिन इसकी एक और पहचान है जो इसे पूरे देश में खास बनाती है। यहां बौद्ध धर्म की भिक्षुणियों का एकमात्र विहार स्थित है — एक ऐसा स्थान जहां पूजा, देखरेख और धार्मिक गतिविधियों की कमान पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में है।
तुरतुरिया का यह प्राचीन स्थल न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि महिलाओं की आध्यात्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक भागीदारी का भी प्रतीक है। यहां बौद्ध परंपरा के अनुसार भिक्षुणियां न केवल साधना करती हैं, बल्कि मंदिर संचालन से लेकर पूजा-पाठ तक सभी कार्यों को स्वयं निभाती हैं।
यह विहार बौद्ध धर्म में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करता है और भारतीय धार्मिक परंपराओं में एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत करता है। ऐसे समय में जब धार्मिक स्थलों में महिलाओं की भागीदारी पर सवाल उठते हैं, तुरतुरिया यह साबित करता है कि आस्था और सेवा का कोई लिंग नहीं होता।
तुरतुरिया का यह आध्यात्मिक और सामाजिक योगदान इसे न केवल धार्मिक मानचित्र पर, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी विशेष बना देता है। यह स्थल सिर्फ एक तीर्थ नहीं, बल्कि नारी शक्ति का जीवंत प्रतीक है।
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