हौसले की उड़ान: पैरों से लिखने वाली राखी का आईएएस बनने का सपना: जगदलपुर : अगर कुछ करने की ललक हो तो कोई भी कमी बाधा नहीं बन सकती। इस कहाव...
हौसले की उड़ान: पैरों से लिखने वाली राखी का आईएएस बनने का सपना:
जगदलपुर : अगर कुछ करने की ललक हो तो कोई भी कमी बाधा नहीं बन सकती। इस कहावत को सच कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के जगदलपुर की रहने वाली राखी नाग ने। जन्म से ही हाथों की दिव्यांगता के बावजूद, राखी ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और पैरों के पंजों से लिखने का हुनर विकसित कर लिया। आज वह इतनी कुशल हो चुकी है कि उसकी लिखावट किसी सामान्य छात्र की तरह ही साफ और सुंदर दिखती है।
कठिनाइयों के बीच मजबूत इरादे:
राखी नानगुर स्वामी आत्मानंद विद्यालय में कक्षा नौवीं की छात्रा है। उसके पिता रसोई गैस सिलेंडर की डिलीवरी कर घर का खर्च चलाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य है, लेकिन राखी की लगन और जज्बे ने उसे कभी कमजोर नहीं होने दिया। हाथों का साथ न मिलने के बावजूद, उसने अपनी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी और पैरों से लिखने की कला में महारत हासिल कर ली।
सपना: आईएएस बनकर समाज की सेवा करना:
राखी के सपने ऊँचे हैं। वह आईएएस अधिकारी बनना चाहती है ताकि समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद कर सके। उसकी इस इच्छाशक्ति और मेहनत ने न सिर्फ उसके परिवार बल्कि पूरे गांव और स्कूल को गर्व महसूस कराया है।
शिक्षकों और परिवार का साथ:
राखी की सफलता में उसके परिवार और शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स्कूल के शिक्षकों ने उसकी प्रतिभा को पहचाना और उसे हर संभव सहायता दी। माता-पिता ने भी हमेशा उसकी पढ़ाई को प्राथमिकता दी और उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
प्रेरणा बनी राखी:
राखी की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपनी परिस्थितियों से हार मान लेते हैं। उसकी मेहनत और आत्मविश्वास यह साबित करते हैं कि अगर मन में ठान लिया जाए, तो कोई भी बाधा लक्ष्य प्राप्त करने से रोक नहीं सकती।
छत्तीसगढ़ के इस छोटे से गांव से निकली राखी न सिर्फ खुद के लिए बल्कि समाज के लिए भी मिसाल बन गई है। अब सभी को इंतजार है उस दिन का, जब राखी अपने सपने को पूरा कर देश की सेवा के लिए आईएएस अधिकारी बनेगी।
कोई टिप्पणी नहीं