गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 15 जगहों पर लगी आग, जंगल अब भी धधक रहा: गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले में महीने के आखिरी दिन एक भयावह स्थिति देखने...
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 15 जगहों पर लगी आग, जंगल अब भी धधक रहा:
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले में महीने के आखिरी दिन एक भयावह स्थिति देखने को मिली जब करीब 15 अलग-अलग स्थानों पर भीषण आग लगने की घटनाएं सामने आईं। मरवाही वनमंडल के घने जंगलों में लगी आग अभी तक पूरी तरह बुझाई नहीं जा सकी है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान होने की आशंका है।
संसाधनों की कमी से जूझ रहा वन विभाग:
स्थानीय वन विभाग आग बुझाने के प्रयास में लगा हुआ है, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण राहत कार्यों में तेजी नहीं आ पा रही है। आग बुझाने के लिए पर्याप्त पानी, दमकल वाहन और अन्य तकनीकी साधनों की कमी देखी जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि जल्द ही अतिरिक्त संसाधन नहीं जुटाए गए, तो यह आग और भी विकराल रूप ले सकती है।
गर्मी और लापरवाही बनी कारण:
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आग लगने की प्रमुख वजह अत्यधिक गर्मी और इंसानी लापरवाही हो सकती है। स्थानीय लोगों के अनुसार, कई इलाकों में सूखे पत्तों और घास में आग लगने से यह तेजी से फैल गई। वहीं, कुछ जगहों पर आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।
वन्यजीवों पर खतरा, पर्यावरण को नुकसान:
जंगल में आग लगने से वन्यजीवों पर भी खतरा मंडराने लगा है। कई पक्षी और छोटे जीव आग की चपेट में आ गए हैं, जबकि कई अन्य जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। इस आग से वनस्पतियों को भी भारी क्षति पहुंची है, जिससे पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ने का खतरा है।
प्रशासन से जल्द राहत की मांग:
स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द राहत कार्यों को बढ़ाने की मांग की है। आग पर काबू पाने के लिए आधुनिक तकनीकों और अतिरिक्त दमकल कर्मियों की तैनाती की जरूरत बताई जा रही है।
सरकार और वन विभाग को इस विकट स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कदम उठाने होंगे, ताकि जंगल की यह आग और अधिक भयावह रूप न ले सके।
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