वर्जिनिटी टेस्ट असंवैधानिक: हाईकोर्ट ने पति की याचिका खारिज की: रायपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि विवाह के बाद पत...
वर्जिनिटी टेस्ट असंवैधानिक: हाईकोर्ट ने पति की याचिका खारिज की:
रायपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि विवाह के बाद पत्नी की वर्जिनिटी टेस्ट कराने की मांग महिलाओं के मौलिक अधिकारों और गरिमा का हनन है। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए पति की याचिका खारिज कर दी।
मामला एक पति द्वारा अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह के आधार पर वर्जिनिटी टेस्ट की मांग से जुड़ा था। फैमिली कोर्ट ने पहले ही पति की मांग को खारिज कर दिया था, जिसे हाईकोर्ट ने भी सही ठहराया।
कोर्ट की टिप्पणी:
हाईकोर्ट ने कहा कि वर्जिनिटी टेस्ट न केवल असंवैधानिक है, बल्कि महिलाओं की स्वतंत्रता और गरिमा के खिलाफ भी है। किसी भी महिला को उसकी शादी से पहले की जिंदगी के लिए इस तरह के अपमानजनक टेस्ट के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
महिला अधिकारों की जीत:
यह फैसला महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने वाला माना जा रहा है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय उन मामलों में नजीर बनेगा जहां महिलाओं की स्वतंत्रता और निजता का हनन करने की कोशिश की जाती है।
यह फैसला न केवल महिलाओं की गरिमा की रक्षा करता है, बल्कि समाज में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देता है।
कोई टिप्पणी नहीं