आश्रमों में आदिवासी बच्चों की मौत पर हंगामा, सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप: रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को आदिवास...
आश्रमों में आदिवासी बच्चों की मौत पर हंगामा, सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप:
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को आदिवासी बच्चों की मौत का मुद्दा जोरशोर से उठा। विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह आश्रम-छात्रावासों में हुई बच्चों की मौत के आंकड़े छिपा रही है। कांग्रेस विधायक लक्षेश्वर बघेल ने दावा किया कि बीते तीन सालों में 25 आदिवासी बच्चों की मौत हुई है, लेकिन सरकार इस पर पर्दा डाल रही है।
इस मुद्दे पर जवाब देते हुए विभागीय मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि सरकार हर मामले की जांच कर रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, कांग्रेस इस जवाब से असंतुष्ट दिखी और विरोध में सदन से वाकआउट कर दिया।
मुद्दा क्यों गरमाया?
छत्तीसगढ़ में संचालित आश्रम-छात्रावासों में आदिवासी बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष लंबे समय से सवाल उठा रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इन घटनाओं को दबाने की कोशिश कर रही है, जबकि जमीनी हकीकत चिंताजनक है।
बघेल ने सदन में कहा, "बच्चों की मौत के बावजूद सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। आश्रमों में रह रहे बच्चों की स्थिति बदतर होती जा रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और कुपोषण के चलते ये मौतें हो रही हैं।"
सरकार की सफाई:
विभागीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और मौत के हर मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। "आश्रमों और छात्रावासों में बच्चों की स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। जहां भी लापरवाही सामने आएगी, वहां कड़ी कार्रवाई होगी।"
विपक्ष ने उठाई जांच की मांग:
कांग्रेस ने सरकार से मांग की कि इन मौतों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते आदिवासी बच्चों की मौतें हो रही हैं, लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही।
इस मुद्दे को लेकर अगले सत्र में भी चर्चा होने की संभावना है। विपक्ष ने संकेत दिया है कि अगर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो बड़े आंदोलन की चेतावनी दी जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं