विधानसभा में जल जीवन मिशन पर हंगामा, नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक आमने-सामने: रायपुर : जल जीवन मिशन को लेकर विधानसभा में एक बार फिर गर्...
विधानसभा में जल जीवन मिशन पर हंगामा, नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक आमने-सामने:
रायपुर : जल जीवन मिशन को लेकर विधानसभा में एक बार फिर गर्मागर्म बहस हुई। प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने केंद्रांश के तहत अब तक प्राप्त राशि की जानकारी मांगी, जिस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने 2024-25 में अब तक 191.59 करोड़ की प्राप्ति और 187.12 करोड़ की राज्यांश स्वीकृति की जानकारी दी।
हालांकि, महंत ने इसे असंतोषजनक बताते हुए सवाल उठाया कि जल जीवन मिशन के लिए 2250 करोड़ रुपए मिलने चाहिए थे, लेकिन केंद्र सरकार ने राशि नहीं दी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भुगतान न होने से ठेकेदार काम करने से कतरा रहे हैं, जिससे परियोजना की गति धीमी हो गई है।
इस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने सफाई देते हुए कहा कि भारत सरकार ने मिशन की समय सीमा 2028 तक बढ़ा दी है और काम की प्रगति के अनुसार ही फंड जारी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक 50-60% कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन 5908 टंकियों का निर्माण होने के बावजूद पेयजल आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है।
भाजपा विधायक और महंत आमने-सामने:
बहस के दौरान पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक राजेश मूणत ने पुरानी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पिछली नीतियों की वजह से यह स्थिति बनी है। इस पर महंत ने पलटवार करते हुए कहा, "आखिर कब तक पिछली सरकार का नाम लेकर बचते रहेंगे? अगर गड़बड़ी हुई है तो जांच कराइए।"
निर्दलीय विधायक धर्मजीत सिंह ने भी भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार जांच की मांग करती है, फिर ईडी और सीडी के नाम पर राजनीतिक खेल खेला जाता है।
इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक जारी रही, लेकिन जल जीवन मिशन की धीमी प्रगति और फंड की कमी पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी।
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