गरियाबंद में फ्लोराइड का कहर: 40 गांवों में जहरीला पानी, 100 से ज्यादा लोग बीमार: गरियाबंद, छत्तीसगढ़: गरियाबंद जिले के देवभोग क्षेत्र मे...
गरियाबंद में फ्लोराइड का कहर: 40 गांवों में जहरीला पानी, 100 से ज्यादा लोग बीमार:
गरियाबंद, छत्तीसगढ़: गरियाबंद जिले के देवभोग क्षेत्र में 40 गांवों के लोग जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं। हाल ही में हुई जांच में सामने आया कि इन गांवों के 90 से अधिक पेयजल स्रोतों में फ्लोराइड की मात्रा तय मानकों से अधिक पाई गई है। इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर हो रहा है—कई लोगों के दांत पीले पड़ गए हैं, हड्डियां कमजोर और टेढ़ी हो रही हैं। 100 से ज्यादा ग्रामीण इस समस्या से गंभीर रूप से प्रभावित हैं।
सुपेबेड़ा से भी खतरनाक हालात:
राज्य में पहले से ही सुपेबेड़ा गांव फ्लोराइड युक्त पानी से होने वाली बीमारियों के लिए कुख्यात रहा है, लेकिन ताजा रिपोर्ट बताती है कि गरियाबंद के इन गांवों में स्थिति और भी खराब है। जल शक्ति बोर्ड के वैज्ञानिकों की जांच में यह खुलासा हुआ कि फ्लोराइड की मात्रा कई जगहों पर सुरक्षित स्तर से कहीं ज्यादा है, जिससे फ्लोरोसिस जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।
शुद्ध पानी की मांग, लेकिन समाधान नहीं:
ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्षों से शुद्ध पेयजल की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। कुछ गांवों में हैंडपंप और कुएं बंद हो चुके हैं, जबकि बाकी बचे जल स्रोतों का पानी स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है।
प्रशासन की सुस्त कार्रवाई:
स्थानीय प्रशासन इस गंभीर समस्या को हल करने का दावा कर रहा है, लेकिन अब तक कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो हालात और खराब हो सकते हैं। ग्रामीणों ने सरकार से जल्द ही स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां इस खतरे से बच सकें।
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