बस्तर में देश का पहला होम स्टे नैचुरोपैथी सेंटर, जड़ी-बूटी से होगा इलाज: बस्तर : पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और प्राकृतिक इलाज की ओर बढ़ते क...
बस्तर में देश का पहला होम स्टे नैचुरोपैथी सेंटर, जड़ी-बूटी से होगा इलाज:
बस्तर : पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और प्राकृतिक इलाज की ओर बढ़ते कदमों के बीच बस्तर एक नई पहल का केंद्र बनने जा रहा है। देश में पहली बार, बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क क्षेत्र में होम स्टे नैचुरोपैथी सेंटर स्थापित किया जा रहा है। यह सेंटर जड़ी-बूटियों और पारंपरिक उपचार विधियों के जरिए सेल्फ-हीलिंग को बढ़ावा देगा। इस परियोजना पर करीब 3 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
स्वास्थ्य और पर्यटन का अनूठा मेल:
यूनेस्को द्वारा हाल ही में कांगेर वैली नेशनल पार्क को विश्व धरोहर की अस्थायी सूची में शामिल किए जाने के बाद, इस क्षेत्र का महत्व और बढ़ गया है। अब यहां आने वाले पर्यटक केवल प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ही नहीं लेंगे, बल्कि पारंपरिक औषधीय उपचार का भी लाभ उठा सकेंगे।
कैसे काम करेगा सेंटर?
इस नैचुरोपैथी सेंटर में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा और पारंपरिक आदिवासी जड़ी-बूटी चिकित्सा को प्रमुखता दी जाएगी।
स्थानीय लोगों के सहयोग से तैयार किए गए इस सेंटर में आदिवासी चिकित्सा विशेषज्ञों की देखरेख में इलाज किया जाएगा।
पर्यटक और मरीज होम स्टे कॉन्सेप्ट के तहत प्राकृतिक वातावरण में रहकर खुद को स्वस्थ कर सकेंगे।
आदिवासी ज्ञान को मिलेगी पहचान:
बस्तर के जंगलों में सदियों से कई दुर्लभ औषधीय पौधे और जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जिन्हें आदिवासी समुदाय अपने पारंपरिक उपचार में उपयोग करता आया है। यह सेंटर न सिर्फ प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देगा, बल्कि आदिवासी समुदाय के लिए रोजगार और सांस्कृतिक पहचान का भी एक नया जरिया बनेगा।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा:
इस सेंटर के खुलने से बस्तर के पर्यटन को भी एक नई दिशा मिलेगी। स्वास्थ्य पर्यटन (Wellness Tourism) की बढ़ती मांग को देखते हुए, यह सेंटर बस्तर को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्राकृतिक चिकित्सा हब के रूप में पहचान दिला सकता है।
बस्तर में यह पहल केवल चिकित्सा का साधन नहीं, बल्कि आदिवासी ज्ञान, प्रकृति और आधुनिक नैचुरोपैथी का संगम साबित होगी।
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