बिलासपुर में सट्टेबाजी का अड्डा: गली-गली में सक्रिय सटोरिए, पुलिस बेखबर: बिलासपुर : आईपीएल के आगाज के साथ ही शहर में सट्टेबाजी का खेल फिर...
बिलासपुर में सट्टेबाजी का अड्डा: गली-गली में सक्रिय सटोरिए, पुलिस बेखबर:
बिलासपुर : आईपीएल के आगाज के साथ ही शहर में सट्टेबाजी का खेल फिर से जोर पकड़ चुका है। पुराने और कुख्यात सटोरिए सक्रिय हो गए हैं और हर गली-मोहल्ले में उनके एजेंट दांव लगवा रहे हैं। पुलिस और एसीसीयू (एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट) की निष्क्रियता से इनका मनोबल और बढ़ गया है।
हर गली में फैला नेटवर्क:
बिलासपुर के प्रमुख इलाकों—तोरवा पुरानी बस्ती, देवरीखुर्द, विनोबा नगर, राजकिशोर नगर और सिंधी कॉलोनी—में यह गोरखधंधा तेजी से फैल रहा है। पुराने सटोरिए खुद सामने नहीं आते, बल्कि अपने छोटे एजेंटों के जरिए सट्टेबाजी को अंजाम दे रहे हैं। स्थानीय युवाओं को भी इस धंधे में धकेला जा रहा है, जिससे यह नेटवर्क और मजबूत हो रहा है।
तकनीक के सहारे सुरक्षित खेल:
अब सट्टेबाजी का खेल सिर्फ फोन कॉल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स के जरिए इसे अंजाम दिया जा रहा है। इससे पुलिस के लिए इनकी गतिविधियों पर नजर रखना और भी मुश्किल हो गया है।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल:
शहर में खुलेआम चल रही सट्टेबाजी के बावजूद पुलिस और एसीसीयू की टीमें निष्क्रिय नजर आ रही हैं। अब तक किसी बड़े सटोरिए पर कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे इनके हौसले बुलंद हैं। सवाल यह है कि क्या पुलिस सच में इससे अनजान है, या फिर सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठी है?
शहरवासियों की चिंता बढ़ी:
स्थानीय लोगों में इस बढ़ती सट्टेबाजी को लेकर चिंता है। युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं और अपराध का ग्राफ भी ऊपर जा सकता है। ऐसे में प्रशासन को जल्द कार्रवाई करनी होगी, वरना आने वाले दिनों में यह नेटवर्क और ज्यादा मजबूत हो सकता है।
क्या बिलासपुर पुलिस इस अवैध धंधे पर शिकंजा कस पाएगी, या फिर आईपीएल खत्म होने तक यह खेल यूं ही चलता रहेगा?
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