आदिवासी किसानों की जमीन हड़पने का आरोप, बालोद में भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण: बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में आदिवासी किसानों की जमीन ह...
आदिवासी किसानों की जमीन हड़पने का आरोप, बालोद में भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण:
बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में आदिवासी किसानों की जमीन हड़पने के आरोप को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। 16 आदिवासी किसानों की 52 एकड़ जमीन को सामान्य वर्ग के लोगों के नाम ट्रांसफर करवाने के आवेदन के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। आरोप है कि डरा-धमकाकर जबरन जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, जिससे आक्रोशित ग्रामीण बुधवार से भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
आदिवासी समाज का बड़ा आरोप:
राजाराव पठार में जारी इस आंदोलन में आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हैं। उनका कहना है कि उनकी पुश्तैनी जमीनों को साजिश के तहत छीना जा रहा है। आंदोलनकारियों का आरोप है कि प्रभावशाली लोगों द्वारा प्रशासन पर दबाव डालकर जमीन के नामांतरण की प्रक्रिया चलाई जा रही है, जिससे आदिवासी समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल:
ग्रामीणों ने प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और जमीनों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। आंदोलनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखेंगे।
क्या कहता है कानून?
गौरतलब है कि अनुसूचित जनजाति (ST) की जमीन को गैर-आदिवासी वर्ग के लोगों को हस्तांतरित करने पर कानूनी प्रतिबंध है। ऐसे में इस मामले को लेकर प्रशासन की भूमिका और कानूनी पहलुओं पर सवाल उठ रहे हैं।
स्थिति पर नजर:
फिलहाल, प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीणों को समझाने में जुटे हैं, लेकिन आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी जमीन बचाने का ठोस आश्वासन नहीं मिलता, वे आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। मामले ने राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया है, जिससे जिले में तनावबढ़ता जा रहा है।
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