ईको-टूरिज्म से जुड़ेगा क्षेत्र, बढ़ेगा पर्यटकों का आकर्षण: खैरागढ़ : हाल ही में हुए वेटलैंड सर्वेक्षण में खैरागढ़ की अद्भुत जैव विविधता उ...
ईको-टूरिज्म से जुड़ेगा क्षेत्र, बढ़ेगा पर्यटकों का आकर्षण:
खैरागढ़ : हाल ही में हुए वेटलैंड सर्वेक्षण में खैरागढ़ की अद्भुत जैव विविधता उजागर हुई है, जो इसे न केवल एक प्राकृतिक धरोहर बनाती है, बल्कि पर्यावरण प्रेमियों और पक्षी वैज्ञानिकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करती है।
यह क्षेत्र सिर्फ झीलों और तालाबों तक सीमित नहीं है, बल्कि दुर्लभ प्रवासी पक्षियों, मछलियों और अनमोल जलीय पौधों का एक समृद्ध आश्रय स्थल भी है। हर साल हजारों किलोमीटर दूर से प्रवासी पक्षी यहां विश्राम करने और भोजन के लिए आते हैं, जिससे यह इलाका छत्तीसगढ़ के प्रमुख जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है।
ईको-टूरिज्म की अपार संभावनाएं:
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस क्षेत्र को ईको-टूरिज्म से जोड़ा जाए, तो न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। जैव विविधता की अनूठी संपदा के कारण यह स्थान बर्ड वॉचिंग, फोटोग्राफी और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल बन सकता है।
प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने की जरूरत:
वेटलैंड का महत्व केवल जैव विविधता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जल स्रोतों को संरक्षित करने, जलवायु संतुलन बनाए रखने और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है। सरकार और पर्यावरणविदों के संयुक्त प्रयास से इस क्षेत्र का संरक्षण किया गया तो यह देशभर के प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आकर्षक स्थल बन सकता है।
निष्कर्ष:
खैरागढ़ का यह वेटलैंड न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। इसे संरक्षित कर और ईको-टूरिज्म से जोड़कर न केवल पर्यावरण की सुरक्षा की जा सकती है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर भी सृजित किए जा सकते हैं।
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