फर्जी मंत्रालयी मेल आईडी से ठगी: 60 लोगों से पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: रायपुर : एक बड़े ठगी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें ठगों ने म...
फर्जी मंत्रालयी मेल आईडी से ठगी: 60 लोगों से पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी:
रायपुर : एक बड़े ठगी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें ठगों ने मंत्रालय की फर्जी मेल आईडी के जरिए नौकरी के नियुक्ति पत्र भेजकर 60 लोगों से पांच करोड़ रुपये ठग लिए। यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर बड़ी रकम वसूलता था।
कैसे हुआ खुलासा?
शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम विभाग ने जांच शुरू की। जांच में पता चला कि ठगों ने एक फर्जी ईमेल आईडी बनाई थी, जो असली सरकारी मंत्रालय की मेल आईडी से मिलती-जुलती थी। इस आईडी का इस्तेमाल कर वे नौकरी के झूठे नियुक्ति पत्र भेजते थे। जब पीड़ित उम्मीदवार नियुक्ति स्थल पर पहुंचे, तो उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ और मामला पुलिस तक पहुंचा।
ठगी का तरीका:
1. फर्जी वेबसाइट और मेल आईडी बनाकर बेरोजगार युवाओं को टारगेट करना।
2. आकर्षक सरकारी नौकरियों का लालच देकर रजिस्ट्रेशन फीस, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और अन्य शुल्क के नाम पर पैसे वसूलना।
3. नौकरी के झूठे नियुक्ति पत्र भेजकर उम्मीदवारों को भरोसे में लेना।
4. राशि मिलने के बाद संपर्क तोड़ देना।
मुख्य आरोपी गिरफ्तार:
पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े मुख्य आरोपी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से कई फर्जी नियुक्ति पत्र, कंप्यूटर, फर्जी बैंक खाते और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
सावधानी कैसे बरतें?
किसी भी नौकरी का ऑफर मिलने पर आधिकारिक सरकारी वेबसाइट से सत्यापन करें।
यदि कोई सरकारी नौकरी के लिए पहले से पैसे मांगता है, तो सतर्क रहें।
ईमेल आईडी और वेबसाइट के डोमेन को ध्यान से जांचें, क्योंकि सरकारी संस्थान आमतौर पर "gov.in" या "nic.in" डोमेन का उपयोग करते हैं।
संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर दें।
सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए यह एक बड़ा सबक है कि वे किसी भी प्रस्ताव को बिना जांचे-परखे स्वीकार न करें। पुलिस मामले की जांच कर रही है और अन्य पीड़ितों से भी सामने आने की अपील कर रही है।
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