खैरागढ़ में पहली बार भारत रंग महोत्सव: 10 देशों के थिएटर कलाकारों ने किया मंच पर जादू, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय बना मेजबान: खैरागढ़,...
खैरागढ़ में पहली बार भारत रंग महोत्सव: 10 देशों के थिएटर कलाकारों ने किया मंच पर जादू, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय बना मेजबान:
खैरागढ़, छत्तीसगढ़ : खैरागढ़ में पहली बार आयोजित भारत रंग महोत्सव ने कला और संस्कृति के रंग बिखेर दिए। इस भव्य आयोजन में 10 देशों के थिएटर कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन का मेजबान बना, जहां विभिन्न देशों के नाट्य कलाकारों ने अपनी परंपरागत और समकालीन नाट्य प्रस्तुतियों से थिएटर प्रेमियों को एक अनोखा अनुभव दिया।
इस महोत्सव में रंगमंच की विभिन्न विधाओं को प्रदर्शित किया गया, जिसमें पारंपरिक भारतीय नाटकों से लेकर आधुनिक थिएटर शैलियों तक का संगम देखने को मिला। विभिन्न देशों से आए कलाकारों ने अपनी संस्कृति और कला को मंच पर जीवंत किया, जिससे यह आयोजन एक वैश्विक सांस्कृतिक मिलन का प्रतीक बन गया।
थिएटर प्रेमियों और कला साधकों के लिए यह महोत्सव न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण मंच भी सिद्ध हुआ। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में पहली बार आयोजित इस प्रतिष्ठित आयोजन ने खैरागढ़ को रंगमंच और कला जगत के मानचित्र पर विशेष स्थान दिलाया।
खैरागढ़ में पहली बार 'भारत रंग महोत्सव' का भव्य आयोजन: 10 देशों के थिएटर कलाकारों ने बिखेरा रंगमंच का जादू:
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक नगरी खैरागढ़ में पहली बार 'भारत रंग महोत्सव' का 25वां संस्करण आयोजित किया गया। यह भव्य थिएटर महोत्सव 4 से 9 फरवरी 2025 तक इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में चला, जिसमें भारत सहित रूस, इटली, जर्मनी, नॉर्वे, चेक गणराज्य और अन्य देशों के कलाकारों ने भाग लिया।
इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में रंगमंच की विभिन्न विधाओं का प्रदर्शन हुआ, जिसमें पारंपरिक लोक नाट्य से लेकर आधुनिक थिएटर प्रस्तुतियों तक की झलक देखने को मिली। महोत्सव में नाटकों के मंचन के साथ-साथ वर्कशॉप, पैनल चर्चा और कला प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया गया, जिससे थिएटर प्रेमियों और विद्यार्थियों को वैश्विक रंगमंच से रूबरू होने का अनूठा अवसर मिला।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय ने इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी कर खैरागढ़ को अंतरराष्ट्रीय थिएटर मंच पर एक नई पहचान दिलाई। यह महोत्सव न केवल कला और संस्कृति का उत्सव बना, बल्कि विभिन्न देशों के कलाकारों और दर्शकों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण मंच भी साबित हुआ।
कोई टिप्पणी नहीं