नदियों में रोज बह रहा 30 करोड़ लीटर सीवर: वर्षों से अधूरे पड़े 7 एसटीपी, फरवरी 2025 तक पूरे होने थे: रायपुर: देश की नदियों में प्रदूषण खतर...
नदियों में रोज बह रहा 30 करोड़ लीटर सीवर: वर्षों से अधूरे पड़े 7 एसटीपी, फरवरी 2025 तक पूरे होने थे:
रायपुर: देश की नदियों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। हर दिन करीब 30 करोड़ लीटर सीवेज बिना शुद्ध किए नदियों में बहाया जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि शहरों से निकलने वाले 70 करोड़ लीटर गंदे पानी में से केवल 40 करोड़ लीटर ही साफ किया जा रहा है। बाकी का सीवर सीधे नदियों में जा रहा है, जिससे जल प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।
7 एसटीपी वर्षों से अधूरे, फरवरी 2025 तक पूरे होने थे:
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) ही इस गंदे पानी को साफ करने का एकमात्र जरिया हैं, लेकिन 7 प्रमुख एसटीपी कई सालों से अधूरे पड़े हैं। ये सभी फरवरी 2025 तक तैयार होने थे, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो सका है।
प्रदूषण बढ़ा, जल संकट गहराया:
नदियों में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण पीने योग्य पानी की कमी हो रही है। जल विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द ही इन एसटीपी को पूरा नहीं किया गया, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
समाधान क्या?
अधूरे पड़े एसटीपी को जल्द पूरा किया जाए।
निगरानी बढ़ाई जाए ताकि सीवेज सीधे नदियों में न जाए।
नई टेक्नोलॉजी अपनाई जाए ताकि सीवेज को अधिक कुशलता से ट्रीट किया जा सके।
सरकार और जनता को मिलकर जल संरक्षण और जागरूकता बढ़ाने पर जोर देना होगा।
अगर इस दिशा में तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो हमारी नदियां और जलस्रोत पूरी तरह दूषित हो सकते हैं, जिससे जल संकट और गंभीर हो जाएगा।
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