2 लाख सरकारी किताबें रद्दी में बेची गईं, 5 DEO दोषी: 70 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं छत्तीसगढ़ : में शिक्षा विभाग का बड़ा घोटाला सामने आया है।...
2 लाख सरकारी किताबें रद्दी में बेची गईं, 5 DEO दोषी: 70 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं
छत्तीसगढ़ : में शिक्षा विभाग का बड़ा घोटाला सामने आया है। सिलयारी के रियल बोर्ड पेपर मिल में रद्दी के रूप में सरकारी किताबें मिलीं, जिससे यह खुलासा हुआ कि धमतरी, सूरजपुर, जशपुर और राजनांदगांव के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और पाठ्य पुस्तक निगम के डिपो अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों किताबें कबाड़ में बेच दी गईं।
जांच रिपोर्ट में खुलासा:
अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले की जांच रिपोर्ट 3 दिसंबर को आ गई थी, जिसमें 5 डीईओ और निगम अधिकारियों को दोषी पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों के लिए आई 2 लाख से अधिक किताबें जरूरतमंदों तक पहुंचने के बजाय कबाड़ में बेच दी गईं।
70 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं:
रिपोर्ट आने के 70 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक किसी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षा विभाग और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या हुआ अब तक?
✔ 3 दिसंबर को जांच रिपोर्ट आई – 5 डीईओ और निगम अधिकारियों को दोषी पाया गया।
✔ 70 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं – जिम्मेदार अधिकारी अभी भी पद पर बने हुए हैं।
✔ निगम और डिपो की मिलीभगत उजागर – सरकारी किताबों को कबाड़ में बेचने का संगठित घोटाला।
अब क्या होगा?
छात्रों, अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। सवाल यह है कि क्या सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाएगी या यह घोटाला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
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