रायपुर में मेयर पद के लिए गरमाई सियासत: मीनल और दीप्ति के बीच जुबानी जंग: रायपुर: में मेयर पद को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाज...
रायपुर में मेयर पद के लिए गरमाई सियासत: मीनल और दीप्ति के बीच जुबानी जंग:
रायपुर: में मेयर पद को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा की ओर से संभावित प्रत्याशी मीनल चौबे ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि यदि वे मेयर बनीं तो ढेबर कार्यकाल की सभी फाइलें निकलवाकर जांच कराएंगी और भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
वहीं, कांग्रेस की ओर से संभावित प्रत्याशी दीप्ति पांडेय ने अपनी पार्टी की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस ने शहर को संवारा है और वे निगेटिव माहौल को पॉजिटिव में बदलने की कला जानती हैं।
चुनाव नजदीक आते ही दोनों प्रमुख दलों की उम्मीदवारों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है, जिससे यह साफ है कि इस बार का चुनाव कड़ा और रोचक होने वाला है।
रायपुर मेयर चुनाव: मीनल चौबे और दीप्ति दुबे आमने-सामने, दिए सटीक जवाब:
रायपुर नगर निगम चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ गया है। भाजपा प्रत्याशी मीनल चौबे और कांग्रेस उम्मीदवार दीप्ति दुबे ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में अपनी-अपनी रणनीति साफ की।
मीनल चौबे ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि अगर वे मेयर बनती हैं तो पिछले कार्यकाल की सभी फाइलों की जांच कराकर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करेंगी। उन्होंने नगर निगम में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार मिटाने को अपनी प्राथमिकता बताया।
वहीं, दीप्ति दुबे ने कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने शहर को संवारा है और वे चुनौतियों को अवसरों में बदलने का हुनर रखती हैं। उन्होंने शहरी विकास और जनकल्याण योजनाओं को प्राथमिकता देने की बात कही।
चुनाव से पहले दोनों प्रत्याशियों की यह खुली बहस संकेत दे रही है कि इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प और कड़ा होने वाला है। मतदाता अब यह देखना चाहेंगे कि कौन सा प्रत्याशी उनकी उम्मीदों पर खरा उतरता है।
रायपुर मेयर चुनाव: 11 फरवरी को मतदान, 15 को नतीजे, मीनल और दीप्ति के बड़े बयान:
रायपुर नगर निगम के महापौर पद के लिए चुनावी घमासान तेज हो गया है। 11 फरवरी को मतदान होगा और 15 फरवरी को नतीजे आएंगे। इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी मीनल चौबे और कांग्रेस उम्मीदवार दीप्ति दुबे ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कई महत्वपूर्ण बयान दिए हैं।
मीनल चौबे ने साफ कहा कि यदि वे मेयर बनती हैं तो पिछले कार्यकाल की सभी फाइलों की जांच कराएंगी और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने पारदर्शिता और सुशासन को अपनी प्राथमिकता बताया।
वहीं, दीप्ति दुबे ने कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने शहर को संवारा है और विकास कार्यों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि वे नकारात्मक माहौल को सकारात्मक में बदलना जानती हैं और जनता के विश्वास पर खरा उतरेंगी।
चुनाव से पहले दोनों प्रत्याशियों के इन बयानों ने सियासी माहौल गर्मा दिया है। अब सबकी नजरें 11 फरवरी के मतदान और 15 फरवरी को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं।
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