रायपुर और बिलासपुर में कांग्रेस प्रत्याशी चयन पर विवाद: नाराजगी और विरोध प्रदर्शन तेज: रायपुर और बिलासपुर में कांग्रेस की प्रत्याशी सूची ...
रायपुर और बिलासपुर में कांग्रेस प्रत्याशी चयन पर विवाद: नाराजगी और विरोध प्रदर्शन तेज:
रायपुर और बिलासपुर में कांग्रेस की प्रत्याशी सूची जारी होने के बाद भारी विवाद खड़ा हो गया है। देर रात पार्टी ने पार्षद सूची में बदलाव किए, जिसके बाद कई नेता और कार्यकर्ता नाराज हो गए। नाराजगी इतनी बढ़ गई कि कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का पुतला फूंककर विरोध दर्ज कराया।
पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर बगावत के सुर उठने लगे हैं। कुछ नेताओं का आरोप है कि सूची बनाने में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की गई और बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी गई। वहीं, कांग्रेस के उच्च पदाधिकारियों का कहना है कि यह फैसला गहन विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।
इस बीच, पार्टी कार्यकर्ताओं में बढ़ती नाराजगी को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने जल्द ही बैठक बुलाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए वरिष्ठ नेताओं को मध्यस्थता करनी पड़ सकती है।
आगामी चुनावों के मद्देनजर इस घटनाक्रम को पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इस संकट को कैसे हल करती है और नाराज कार्यकर्ताओं को अपने पक्ष में वापस लाने में कितनी सफल होती है।
बिलासपुर में कांग्रेस की सूची पर हंगामा: नाराज कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी:
बिलासपुर में नगर निगम मेयर, नगर पालिका, नगर पंचायत के अध्यक्ष और वार्ड प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही विवाद खड़ा हो गया। टिकट वितरण को लेकर असंतोष जताते हुए कई नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के खिलाफ नारेबाजी की और जमकर हंगामा मचाया।
टिकट कटने से नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि टिकट वितरण में पारदर्शिता नहीं बरती गई और वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की गई। कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया। विरोध प्रदर्शन के दौरान दीपक बैज का पुतला जलाकर अपनी नाराजगी जाहिर की गई।
इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस के भीतर गहरी नाराजगी और असंतोष को उजागर किया है। आगामी चुनावों से पहले इस प्रकार की आंतरिक कलह पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। माना जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता जल्द ही इस विवाद को सुलझाने के लिए बैठक कर सकते हैं।
अब देखना यह होगा कि कांग्रेस नेतृत्व नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने और विवाद सुलझाने में कितना सफल होता है।
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