आध्यात्म : इस वर्ष 30 दिसंबर को सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह दिन भगवान शिव की पूजा और पितरों के तर्पण के...
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आध्यात्म : इस वर्ष 30 दिसंबर को सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह दिन भगवान शिव की पूजा और पितरों के तर्पण के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन शिवजी की आराधना से न केवल धन-समृद्धि में वृद्धि होती है, बल्कि पितरों को मोक्ष भी प्राप्त होता है।
सोमवती अमावस्या का ज्योतिषीय प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 30 दिसंबर को चंद्रमा वृश्चिक राशि में गोचर कर रहा है, जिसका प्रभाव विशेष रूप से तुला और मकर राशि के जातकों पर पड़ेगा। इन राशियों को व्यापार, करियर और पारिवारिक जीवन में जबरदस्त लाभ मिलने की संभावना है।
तुला राशि: करियर और परिवार में सफलता
तुला राशि के स्वामी शुक्र देव और आराध्या मां दुर्गा हैं। इस दिन चंद्रमा के प्रभाव से:
व्यापार और करियर में प्रगति: वर्षों से रुके हुए काम पूरे होंगे, जिससे परिवार और समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।
नया मेहमान: घर में नए सदस्य के आगमन की संभावना है।
धार्मिक यात्रा: परिवार के साथ धार्मिक यात्रा की योजना बना सकते हैं, जिससे आपसी संबंध प्रगाढ़ होंगे।
मानसिक शांति: चंद्रमा के आशीर्वाद से तनाव से राहत मिलेगी।
मकर राशि: आत्मविश्वास और सफलता
मकर राशि के जातकों को चंद्रमा का वृश्चिक राशि में गोचर कई लाभ देगा:
स्वास्थ्य और आत्मविश्वास: बेहतर स्वास्थ्य के कारण आत्मविश्वास बढ़ेगा।
धन लाभ: रुके हुए कार्य पूरे होंगे, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
पारिवारिक रिश्ते: वाणी की मधुरता से संबंध मजबूत होंगे और बड़े भाई-बहन से विशेष सहयोग प्राप्त होगा।
उपहार और मान-सम्मान: बहन से उपहार मिलने और परिवार में सम्मान बढ़ने की संभावना है।
पितरों का तर्पण और दान का महत्व
सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है। इस दिन सफेद वस्त्र, दूध, या चावल का दान करना शुभ फलदायक होता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
भगवान शिव की कृपा से यह दिन हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने वाला है। श्रद्धा और भक्ति से इस अमावस्या का महत्व और बढ़ जाता है।
Publish by gourav jha
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