Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Ads

Girl in a jacket

नवरात्रि के छठे दिन ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा, जानें देवी मां की आरती, मंत्र, भोग व कथा

  दैनिक संवाद न्यूज़ आज नवरात्रि का छठा दिन है. मां ने महिषासुर का वध किया था और उसके बाद शुम्भ और निशुम्भ का भी वध किया था. सिर्फ यही नहीं, ...

 


दैनिक संवाद न्यूज़

आज नवरात्रि का छठा दिन है. मां ने महिषासुर का वध किया था और उसके बाद शुम्भ और निशुम्भ का भी वध किया था. सिर्फ यही नहीं, सभी नौ ग्रहों को उनकी कैद से भी छुड़ावाया था. आइए जानते हैं कात्यायनी देवी की मंत्र, आरती, कथा आदि.

नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी मां दुर्गा का ज्वलंत स्वरूप हैं. मां कात्यायनी की पूजा विधि अनुसार करने से शक्ति, सफलता, प्रसिद्धि का वरदान प्राप्त होता है. कहा जाता है कि देवी ने ही असुरों से देवताओं की रक्षा की थी. मां ने महिषासुर का वध किया था और उसके बाद शुम्भ और निशुम्भ का भी वध किया था. सिर्फ यही नहीं, सभी नौ ग्रहों को उनकी कैद से भी छुड़ावाया था. आइए जानते हैं कात्यायनी देवी की मंत्र, आरती, कथा आदि.


मां कात्यायनी का मंत्र:

चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना।

कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनि।


मां कात्यायनी की आरती

जय जय अंबे जय कात्यायनी ।

जय जगमाता जग की महारानी ।।

बैजनाथ स्थान तुम्हारा।

वहां वरदाती नाम पुकारा ।।

कई नाम हैं कई धाम हैं।

यह स्थान भी तो सुखधाम है।।

हर मंदिर में जोत तुम्हारी।

कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।

हर जगह उत्सव होते रहते।

हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।

कात्यायनी रक्षक काया की।

ग्रंथि काटे मोह माया की ।।

झूठे मोह से छुड़ानेवाली।

अपना नाम जपानेवाली।।

बृहस्पतिवार को पूजा करियो।

ध्यान कात्यायनी का धरियो।।

हर संकट को दूर करेगी।

भंडारे भरपूर करेगी ।।

जो भी मां को भक्त पुकारे।

कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।

मां कात्‍यायनी का पसंदीदा रंग और भोग

मां कात्‍यायनी का पसंदीदा रंग लाल है. मान्‍यता है कि शहद का भोग पाकर वह बेहद प्रसन्‍न हो जाती हैं. नवरात्रि के छठे दिन पूजा करते वक्‍त मां कात्‍यायनी को शहद का भोग लगाना शुभ माना गया है.

मां कात्‍यायनी की पूजा विधि

नवरात्रि के छठे दिन यानी कि षष्‍ठी को स्‍नान कर लाल या पीले रंग के वस्‍त्र पहनें. सबसे पहले घर के पूजा स्‍थान नया मंदिर में देवी कात्‍यायनी की प्रतिमा या चित्र स्‍थापित करें. अब गंगाजल से छिड़काव कर शुद्धिकरण करें. अब मां की प्रतिमा के आगे दीपक रखें. अब हाथ में फूल लेकर मां को प्रणाम कर उनका ध्‍यान करें. इसके बाद उन्‍हें पीले फूल, कच्‍ची हल्‍दी की गांठ और शहद अर्पित करें. धूप-दीपक से मां की आरती उतारें. आरती के बाद सभी में प्रसाद वितरित कर स्‍वयं भी ग्रहण करें.

कोई टिप्पणी नहीं

Girl in a jacket