सुपोषित छत्तीसगढ़ पोषण प्रदर्शनी में स्थानीय पौष्टिक व्यंजनों और भाजियों की दिखी विविधता रायपुर, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला...
सुपोषित छत्तीसगढ़ पोषण प्रदर्शनी में स्थानीय पौष्टिक व्यंजनों और भाजियों की दिखी विविधता
रायपुर,
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने आज 13 सितम्बर को रायपुर के सिविल लाईन स्थित न्यू सर्किट हाउस में ‘सुपोषित छत्तीसगढ़ पोषण प्रदर्शनी‘ का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में उपलब्ध स्थानीय अनाज, रेडी-टू-ईट से तैयार विभिन्न व्यंजनों और भाजियों की प्रदर्शनी लगाई गई थी।
प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए श्रीमती भेंड़िया ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में स्थानीय पोषक आहार उपलब्ध हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं इस पोषण विविधता का उपयोग आंगनबाड़ियों में बच्चों और महिलाओं से कुपोषण दूर करने में कर रही हैं। इसमें बच्चों और महिलाआंे के रूचि का भी ध्यान रखा जा रहा है। पोषण प्रदर्शनी के माध्यम से हम जान सकते हैं कि रेडी-टू-ईट से भी कितने प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किये जा सकते है। स्थानीय आहार को भोजन में शामिल करने का सकारात्मक प्रभाव महिलाओं और बच्चों में देखा गया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को सहजता से पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए आंगनबाड़ियों में पोषण वाटिकाएं विकसित की गई है। कार्यालयों और घरों में भी लोगों को बाड़ी लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पिछले दो साल में प्रदेश में एक लाख से ज्यादा वृक्ष लगाए गए और 28 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ियों में पोषण वाटिकाओं का विकास किया गया है। पौष्टिकता को ध्यान में रखते हुए वाटिकाओं में मुनगा, फलदार पौधे और भाजियों को प्रमुखता दी जा रही है।
प्रदर्शनी में विभागीय कार्यकर्ताओं और स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने बच्चों की रूचि के अनुसार रेडी-टू-ईट से बने खुरमी, पपची, गुलगुला-भजिया, केक सहित कोदो की खीर, रागी के लड्डू, फरा, चीला, अनरसा, बिडिया जैसे कई प्रकार के स्थानीय व्यंजन प्रदर्शित किये थे। छत्तीसगढ़ी थाली के साथ कई प्रकार के कांके चाय, जीरा पानी जैसे पेय भी प्रदर्शनी में रखे गए थे। इसके साथ ही कुपोषण को समझाने सलाद से वृद्धि निगरानी चार्ट भी बनाया गया था। तिल्दा परियोजना ने छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली 42 प्रकार के विभिन्न प्रजातियों की भाजियों की प्रदर्शनी लगाई थी। इसमें सिलियारी, करमत्ता, गुमी,पटवा भाजी जैसी कई भाजियां शामिल हैं। इस अवसर पर सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले सहित विभागीय अधिकारी और विभिन्न संगठनों के सदस्य भी उपस्थित थे।
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