मांदर बाढ़ पीड़ितों को राहत: प्रशासन और समाजसेवियों ने मिलकर दिया सहयोग मांदर में बाढ़ पीड़ितों को मिली राहत प्रशासन और समाजसेव...
मांदर में बाढ़ पीड़ितों को मिली राहत
प्रशासन और समाजसेवियों ने मिलकर की मदद
जगदलपुर, 1 सितम्बर 2025/ पिछले सप्ताह आई भीषण बाढ़ से प्रभावित मांदर गांव के लोगों को प्रशासन और समाजसेवियों के संयुक्त प्रयासों से बड़ी राहत मिली है। बाढ़ के कारण कई स्कूली बच्चों के महत्वपूर्ण दस्तावेज, किसानों की फसलें और घरों को भारी नुकसान हुआ था, जिसका भरपाई करने के लिए त्वरित कदम उठाए गए हैं।
विद्यार्थियों को मिले नए दस्तावेज
बाढ़ में जिन स्कूली बच्चों के जाति, निवास प्रमाण पत्र और अंकसूचियां खराब हो गई थीं, उन्हें दोबारा ये दस्तावेज बनाकर वितरित किए गए। अनुविभागीय अधिकारी श्री नीतीश वर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती शालिनी तिवारी, खंड स्रोत समन्वयक श्री पीला राम सिन्हा और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मिलकर बच्चों को ये प्रमाण पत्र सौंपे।
संकुल समन्वयक ने बांटी शैक्षणिक सामग्री
संकुल समन्वयक श्री शिवचरण कश्यप ने प्रभावित बच्चों को स्कूल बैग, कॉपी, पेन और कपड़े भी प्रदान किए। श्रीमती शालिनी तिवारी ने बच्चों से मिलकर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। माध्यमिक शाला कोटवारपारा मांदर और प्राथमिक शाला चिखला पारा मांदर के बच्चों को गणवेश और बिस्किट भी वितरित किए गए।
स्वीपर संघ और एनएसएस के छात्रों का योगदान
शिक्षा विभाग के अंशकालीन स्वीपर संघ, विकासखंड लोहंडीगुड़ा के करीब 150 सदस्यों ने स्वयं प्रेरित होकर बाढ़ प्रभावित ग्राम मांदर में श्रमदान किया। इन सदस्यों ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों के मलबे की सफाई की। जिन घरों में केवल महिला सदस्य थीं और सफाई करना संभव नहीं था, वहां संघ ने विशेष सहयोग दिया। उन्होंने भीगे हुए धान और अनाज को धूप में सुखाने में भी मदद की।
गांव के कई घर बाढ़ में पूरी तरह ढह गए थे, जबकि अन्य घरों को आंशिक क्षति पहुंची। कई घरों में करीब एक फीट तक मलबा जमा था। इस कार्य के लिए ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के अंशकालीन स्वीपर संघ की सराहना की। इसके साथ ही शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोठियागुड़ा के राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के छात्र-छात्राओं ने भी बाढ़ से ध्वस्त मकानों के मलबे को हटाने में श्रमदान कर पीड़ितों की मदद की।
किसानों को मिला आर्थिक सहारा
ग्राम मांदर के किसानों को भी राहत प्रदान की गई है। इस क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों के लिए नवीन किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए, जिससे उन्हें खेती-किसानी के लिए आर्थिक सहायता मिल सके।
इस राहत और बचाव कार्य के दौरान समस्त संकुल समन्वयक और शिक्षक भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस संवेदनशील समय में बच्चों और परिवारों की मदद में अपना योगदान दिया।
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